नगर निगम के उच्च अधिकारी 2019 से नगर निगम इंजीनियरिंग ब्रांच में करोड़ों रुपये के घोटाले से फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी लेने के घोटाले की जांच कर रहे थे। जिसे लेकर वो आज तक जांच पूरी नहीं कर सके हैं ।
मिली जानकारी के अनुसार 30 कर्मचारियों के सर्टिफिकेट फर्जी हैं।जो उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के स्कूलों से लिए गए हैं। कई स्कूल प्रबंधन ने फर्जी सर्टिफिकेट के बारे में नगर निगम को पत्र भी लिखा है।
लेकिन इसके बावजूद नगर निगम अधिकारी इस मामले में जांच कर रहे हैं। वैसे इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसकी अगली तारीख 27 सितंबर है।
नगर निगम बचाओ संघर्ष समिति के देवेंद्र अधाना, महेश, सुरेश व रामरतन ने बताया कि नगर निगम ने साल 2019 में हरियाणा सरकार मे 155 कर्मचारियों को जॉइनिंग दी।
इनमें से बेलदार, ट्यूबवेल हेल्पर और सीवरमैन पदों पर कर्मचारी नियुक्त हुए थे। आपको बता दें कि इसमें से आधे से ज्यादा लोगों ने फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की थी।
इस मामले को लेकर 2017 में शिकायत की गई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। 2019 में इन कर्मचारियों की जॉइनिंग हुई तो फिर से शिकायत करी गई, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थीं।
उन्होंने बताया कि इन पदों पर जिनकी नौकरी लगी है उन मे से लगभग 50 से ज्यादा कर्मचारियों ने नकली सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की है।लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण न जांच की गई और न इन कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई।