स्कूल में बच्चों को ओजोन परत के बारे में बचपन में ही पढ़ा दिया जाता है और बच्चों को यह भी पढ़ाया जाता है की इस ओजोन परत की हमारे जीवन पर क्या भूमिका है और इस ओजोन परत को कैसे बचाया जा सकता है।
परंतु फिर भी इंसान कहीं ना कहीं गलती कर बैठता है और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है जिसके कारण ओजोन में लगातार इसका असर देखने को मिल रहा है।
दरअसल सूरज की किरणों से निकलने वाला हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव के लिए ओजोन परत का होना बहुत जरूरी है और ओजोन परत धरती पर हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों को आने से रोकता है।
लेकिन जिस तेजी से हम एसी फ्रिज आदि उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं और इनके द्वारा निकलने वाले क्या सोचती जिस तरीके से ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
वैसे हम इसकी सुरक्षा के लिए कुछ भी कदम नहीं उठा रहे हैं। ओजोन को लेकर फरीदाबाद में 2011 के मास्टर प्लान में हरित क्षेत्र 8.25% था वही मास्टर प्लान 2031 में यह 15.20% हुआ।
जैसे-जैसे लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है ओजोन पर उतना ही उल्टा प्रभाव देखने को मिल रहा है यदि इस पर कंट्रोल ना किया गया तो हमारा क्षेत्र हमारी दुनिया खतरे में आ सकती है।
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