आज जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस के कारण से लड़ रहा है, तो वहीं भारत में भी लोग इस बीमारी से लड़ रहे हैं। लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं तथा इस समय लोग धर्म, जाति, मजहब आदि से ऊपर उठकर एक दूसरे की सहायता कर रहे हैं।
आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही एक खबर जो आई है पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर से, जहां मुसलमानों ने स्वर्ण मंदिर में सामुदायिक रसोई में 330 क्विंटल गेहूं का वितरण किया। मुसलमानों के इस पहल का सिखों ने भी स्वागत किया है।
पंजाब का मालेरकोटला एक ऐसा मुस्लिम कॉलोनी है जहां सिखों के रिश्ते में मुसलमानों को साथ बहुत अच्छे हैं। यह समुदाय जब भारत का 1947 में बंटवारा हुआ था तब से मिलकर रह रहा है। सिख मुस्लिम साझा संगठन के अध्यक्ष नसीम अख्तर का मानना है कि स्वर्ण मंदिर के लंगर में प्रतिदिन 1 लाख लोग खाना खाते हैं।
डॉक्टर नसीम अख्तर का कहना है कि 1 लाख लोगों को खाना खिलाने के लिए 300 क्विंटल गेहूं बहुत कम है, तथा लंगर में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए भी गेहूं तथा अन्य खाद्य पदार्थों की जुटाने की तैयारी चल रही है।
मात्र 22 दिन में एकत्र किया गेहूं।
इस सिख मुस्लिम संगठन से जुड़े परवेज ने बताया कि, मालेरकोटला के मुसलमान भाइयों ने दिल खोलकर गेहूं दान में दिया, तथा मात्र 22 दिन में 330 क्विंटल गेहूं जमा हो गया । इस गेहूं के ट्रकों को दुबई में रहने वाले व्यवसायी सुरेंद्र पाल सिंह और तखत पटना साहिब के जत्थेदार रणजीत सिंह ने अमृतसर के लिए रवाना किया।
मुस्लिम भाइयों को किया गया सम्मानित।
जब यह मुसलमान गेहूं का ट्रक लेकर अमृतसर पहुंचे तो सिखों ने उनका स्वागत किया और लंगर भी खिलाया। विदाई के वक्त सभी मुस्लिम भाइयों को स्वर्ण मंदिर का चिन्ह देकर स्वागत किया गया, तथा यह गेहूं सीख मुस्लिम साझा फ्रंट पंजाब के अध्यक्ष डॉ नासिर अख्तर के नेतृत्व में गया था। गेहूं प्राप्त करने पहुंचे लोगों को दरबार साहिब के मैनेजर मुख्तार सिंह और उप मैनेजर राजिंदर सिंह रूबी ने स्वागत किया।