फरीदाबाद की बेटी ने रचा इतिहास, बोलने और सुनने में नहीं हैं सक्षम, लोगों को चौकाया वकील बनकर

0
543
 फरीदाबाद की बेटी ने रचा इतिहास, बोलने और सुनने में नहीं हैं सक्षम, लोगों को चौकाया वकील बनकर

भारत में जहाँ लोग अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन रात एक कर देते हैं और इनमें कुछ लोग अपने लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं वहीं आधे से ज़्यादा लोग पहले ही हार मान लेते हैं। पूर्ण रूप से स्वस्थ लोग किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं ।

यदि वे ठान लें तो, परंतु क्या आपने सोचा है कि यदि व्यक्ति सुन ना सके और बोल भी ना सके तो क्या वो अपने तय लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा?

फरीदाबाद की बेटी ने रचा इतिहास, बोलने और सुनने में नहीं हैं सक्षम, लोगों को चौकाया वकील बनकर

आपको यह पढ़ कर नामुमकिन सा लग रहा होगा परंतु यह मुमकिन कर दिखाया है हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाली सुदामिनी ने। जानकारी के लिए बता दें की सुदामिनी एक मूक बधिर हैं जो की बोल और सुन नहीं सकती।

सुदामिनी ने दिन रात एक कर व अपनी मेहनत से एक मूक बधिर वकील बनकर इतिहास रच दिया। दरअसल आपको बता दें कि सुदामिनी मूक बधिर वकील बनकर हरियाणा की पहली व देश की दूसरी मूक बधिर वकील बनी हैं।

सुदामिनी ये लक्ष्य हासिल करके उन लोगों के लिए एक ऐसी प्रेरणा बनी हैं जो अपनी इन कमियों की वजह से खुद को इस काबिल नहीं समझते।

फरीदाबाद की बेटी ने रचा इतिहास, बोलने और सुनने में नहीं हैं सक्षम, लोगों को चौकाया वकील बनकर

परंतु अब सुदामिनी के इस सफ़लता से हज़ारों लोग प्रोत्साहित हुए हैं। यदि हम सुदामिनी के निजी जीवन की बात करें तो सुदामिनी के परिवार में सुदामिनी के अलावा उनके पति और एक बेटा है।

सुदामिनी का पति मूक बधिर है और इनका एक 15 वर्ष का बेटा भी है जो कि पूर्ण रूप से सामान्य है। इसके अलावा सुदामिनी के माता पिता व एक छोटी बहन भी है।

सुदामिनी 9 वर्ष तक बिल्कुल ठीक थी उन्हें सब सुनाई देता था और बोल सकती थी और बाकी बच्चों के साथ स्कूल भी जाती थी परंतु 9 वर्ष की उम्र में सुदामिनी को मैनेन्जाईटिस नामक बीमारी हो गई जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भी भर्ती किया गया।

फरीदाबाद की बेटी ने रचा इतिहास, बोलने और सुनने में नहीं हैं सक्षम, लोगों को चौकाया वकील बनकर

और तभी से सुदामिनी के जीवन में एक बड़ा मोड़ आया। सुदामिनी की धीरे धीरे सुनने की क्षमता समाप्त होने लगी और अंत में सुदामिनी को सुनना बंद हो गया। परंतु सुदामिनी ने हार नहीं मानी और फिर भी स्कूल जाती रहीं ।

इसी स्थिति में सुदामिनी ने स्कूल पास किया और उसके बाद बीए की परीक्षा भी पास की । सुदामिनी की बाद में शादी हो गई और उसके बाद इन्होंने नौकरी भी की।

फरीदाबाद की बेटी ने रचा इतिहास, बोलने और सुनने में नहीं हैं सक्षम, लोगों को चौकाया वकील बनकर

सुदामिनी का बेटा होने के बाद इन्होंने सांकेतिक भाषा सिखा और फिर EPIC नामक कम्पनी द्वारा किये जा रहे वर्कशॉप में अमेरिका के एक बधिर लॉयर ने अपनी भाषण में बताया की अमेरिका में 500 से भी ज़्यादा बधिर वकील हैं।

यही जानने के बाद सुदामिनी ने वकील बनने की ठानी। इसके अलावा सशक्ति हरियाणा बधिर महिला संस्था की अध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा सुदामिनी ने बताया कि वो उन लोगों के लिए काम करना पसन्द करेंगी जो बधिर लोग हैं ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here