OLX और पेटीएम के माध्यम से महिला के साथ 17000 रुपए का साइबर फ्रॉड करने वाले आरोपी को एनआईटी पुलिस ने राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ एरिया से किया गिरफ्तार
ओएलएक्स पर पुरानी वस्तु खरीदते या बेचते समय साइबर अपराधियों से रहें सावधान, धोखाधड़ी होने पर तुरंत डायल करें 1930 – फरीदाबाद पुलिस
फरीदाबाद: डीसीपी एनआईटी नरेंद्र कादियान के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करते हुए एनआईटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुनीता व उनकी टीम ने महिला के साथ साइबर फ्रॉड करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम निशु खान है जो अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ एरिया का रहने वाला है।
फरवरी 2022 में आरोपी व उसके अन्य साथी ने एनआईटी एरिया की रहने वाली एक महिला के साथ साइबर अपराध की वारदात को अंजाम दिया था। महिला के पास एक ओटीजी ओवन था जिसे वह बेचना चाहती थी और इसके लिए उस महिला ने ओएलएक्स वेबसाइट पर इसे बेचने के लिए एक पोस्ट डाली थी।
आरोपी ने महिला की पोस्ट देखकर फोन पर उसे संपर्क किया और ओटीजी खरीदने की बात कही। उसने महिला के साथ ₹17000 खरीदने की डील पक्की कर ली। इसके पश्चात आरोपियों ने पैसे भेजने के नाम पर महिला के पेटीएम से पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।
महिला ने इसकी शिकायत एनआईटी थाने में दी जिसके पश्चात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। डीसीपी एनआईटी ने इस मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया जिन्होंने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी निशु को 29 सितंबर को लक्ष्मणगढ़ एरिया से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के कब्जे से वारदात में प्रयोग मोबाइल फोन बरामद किया गया है। आरोपी को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि महिला के साथ ओवन की डील पक्की करके महिला के पेटीएम से लिंक मोबाइल नंबर की डिटेल ले ली और इसे अपने साथी आरोपी को दे दी।
आरोपी के साथी ने महिला के पेटीएम से धोखाधड़ी से पैसे ट्रांसफर करके उसके साथ साइबर फ्रॉड की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपी ने बताया कि धोखाधड़ी से ट्रांसफर किए गए ₹17000 में से आरोपी को उसे 5100 रुपए मिले थे।
आरोपी ने बताया कि वह अपने गांव में खेती करता है और उसका साथी भरतपुर के कामा एरिया का रहने वाला है जो धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देता है। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपी को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेज दिया गया है तथा वारदात में शामिल उसके साथी की तलाश की जा रही है जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
साइबर ठग कैसे बनाते हैं शिकार*
साइबर ठग कैसे बनाते हैं शिकार
ओएलएक्स जैसी वेबसाइट पर जब आप कोई भी वस्तु बेचना चाहते हैं तो इसके लिए उस वस्तु की फोटो आप ओएलएक्स वेबसाइट पर अपलोड करते हैं जिसमें आपका मोबाइल नंबर साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाता है और वह आपके द्वारा अपलोड की गई वस्तु को खरीदने की इच्छा व्यक्त करता है।
फिर वह आपके गूगल पे, फोनपे या पेटीएम पर ₹1 भेजकर पैसों की एक रिक्वेस्ट बनाकर भेजते हैं और व्यक्ति को बातों में उलझाकर उसका सीक्रेट पिन डलवा देते हैं जिससे पैसा आपके खाते से साइबर अपराधियों के खाते में ट्रांसफर हो जाता है।
इसलिए आवश्यक है कि इस प्रकार के साइबर अपराध से बचने के लिए आप सतर्क रहें और कहीं भी से भी पैसे प्राप्त करते समय मैसेज को ध्यान से देखें और अपना पिन कहीं पर भी न डालें तथा किसी भी व्यक्ति के साथ अपना ओटीपी अकाउंट नंबर या क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल साझा ना करें।
यदि इसके बावजूद आपके साथ साइबर फ्रॉड की घटना घटित हो जाती है तो इसकी सूचना तुरंत 1930 पर दें आपकी तुरंत सहायता की जाएगी। इस प्रकार छोटी-छोटी सावधानियों को ध्यान में रखकर आप अपने आपको साइबर अपराध का शिकार होने से बचा सकते हैं।