अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्याय दिवस के नाम से भी जाना जाता है। हर साल 17 जुलाई को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्याय की उभरती हुई प्रणाली को पहचानना।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय को रोम संविधि के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही सभी देशों को रोम के इस कानून को अपनाने का अधिकार भी है। अभी तक 120 देश रोम में एक कानून को अपना चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस लोगों को न्याय के समर्थन के लिए जागरूक और एक जुट करने के लिए बनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पीड़ितों को उनके अधिकारों के लिए बढ़ावा देना है।
साथ ही गंभीर मुद्दों पर ध्यान देने के लिए दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने और आकर्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। ये लोगों को कई गंभीर अपराधों से बचाने के लिए चेतावनी देता है। साथ ही जो लोग दुनिया में शांति और सुरक्षा को प्रभावित करते हैं उनके लिए ये एक बड़ी चेतावनी है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायलय संयुक्त राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण न्यायिक अंग है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना 1945 में हॉलैंड के शहर हेक में हुई थी। इसके बाद 1946 में इसने अपना काम शुरू कर दिया था। अंतरराषट्रीय न्यायालय के अनुसार इसका काम कानूनी विवादों का निपटारा करना है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र के अंगों और विशेष एजेंसियों द्वारा उठाए कानूनी प्रश्नों पर राय देना है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी और फ्रेंच है।
भारत सरकार ने भी कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। भारत का अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा काउंसिल सेवा मुहैया कराने से इंकार करना था।
इतना ही नहीं पाकिस्तान सरकार ने कुलभूषण जाधव से जुड़े कानूनी दस्तावेजों की कॉपी देने से इंकार कर दिया था। साथ ही पाकिस्तान का कुलभूषण जाधव के परिवार को वीजा देने से इनकार कर दिया था। इसलिए भारत सरकार को कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
Written by – Ansh Sharma