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क्या वृद्ध लोगो की अपेक्षा युवाओं में कोविड-19 फैलने का खतरा ज्यादा है? – सुनिए क्या कहते हैं आंकड़े

कोरोना काल के शुरुआती दौर में चाइना के वुहान में लगभग 70,000 कोविड-19 पेशेंट्स की रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसार बाकी लोगों के मुकाबले बुजुर्ग और बीमार लोगों के इस घातक वायरस की चपेट में आने की संभावना अधिक बताइ गई।

भारतीय एक्सर्पट्स ने भी इस बात का दावा किया है बुजुर्ग लोग जिनमें उच्च रक्तचाप और मधुमेह यानी डाइबिटीज जैसी बीमारी है , वे कोरोनो संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि युवाओ की अपेक्षा, बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती है।

क्या वृद्ध लोगो की अपेक्षा युवाओं में कोविड-19 फैलने का खतरा ज्यादा है? - सुनिए क्या कहते हैं आंकड़े

लेकिन ताजी रिपोर्ट्स कुछ अलग ही बात कह रहे हैं। आइए आंकड़ों के द्वारा समझते हैं इन रिपोर्ट्स को।

  1. रविवार 12 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग की कोराना से जुड़ी एक नई रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट में बताया गया कि हरियाणा के कुल कोरोना संक्रमित लोगों में से आदेश संक्रमित लोगों की आयु 25 से 44 वर्ष है।
  2. इतना ही नहीं, इस रिपोर्ट के अनुसार , इस विषाणु से सबसे ज्यादा प्रभावित 25 से 34 वर्ष की आयु वाले लोग पाए गए।
  3. हरियाणा के कुल कोरोना संक्रमित लोगों में से 30% पेशेंट 25-34 वर्ष के है और बाकी 20% लोग वह हैं जिनकी आयु 35 से 44 वर्ष है। इसका मतलब यह है कि हरियाणा के सभी कोरोना पेशेंट्स में से 50% यानी आधे लोगों की उम्र 25 से 44 वर्ष है।
  4. इसके अलावा कोरोना संक्रमित पेशेंट्स में 14.6% बच्चे ऐसे हैं जिनकी आयु 15 से 20 वर्ष है।

इन सभी आंकड़ों ने एक्सपोर्ट्स और आम लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या बुजुर्ग लोगों की अपेक्षा युवाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है?

एक स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार कोविड-19 के संक्रमण का लेना देना उम्र से नहीं बल्कि इस बात से है कि कौन-कौन लोग बाहर जा रहे हैं और दूसरों से मिल रहे हैं।

हरियाणा के कोविड-19 संक्रमित पेशेंट्स में से 80% ऐसे लोग हैं जिनकी आयु 15 से 54 वर्ष हैं। इस वर्ग के लोगों का बुजुर्ग लोगों के मुकाबले बाहर आना जाना ज्यादा था जिस कारण सभी इस महामारी की चपेट में आ गए।

लेकिन बुजुर्ग लोग कम से कम बाहर गए जिस कारण संक्रमित लोगों में से बुजुर्ग लोग की संख्या कम पाइ गई। उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता इस बीमारी से बचने के लिए काफी जरूरी है। इसलिए लोग अपनी इम्यूनिटी पर भी ध्यान दें।

हरियाणा के एक लिंग संबंधित विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि अभी तक हरियाणा के जितने भी लोग पुराना पॉजिटिव पाए गए उसमें से 67% पुरुष है और 33% महिलाएं हैं।

इस पर एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि पुरुष वर्ग का नौकरी अथवा अन्य काम से बाहर आना जाना अधिक लगा रहता है जिस कारण वाइरस संक्रमित लोगों में से पुरुषों की संख्या अधिक है। इस बात की भी संभावना हो सकती है कि बाहर से आए हुए पुरुषों द्वारा ही महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में संक्रमण फैला हो।
यदि आपके घर में भी कोई व्यक्ति बाहर से आए तो यह सुनिश्चित क करिए कि, वह व्यक्ति घर के अंदर आने से पहले अपने हाथ सैनिटाइजर से साफ करें।

Written by- Vikas Singh

Avinash Kumar Singh

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