सोसाइटियों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, अगर आग लगी तो हालात खराब हो सकते है

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 सोसाइटियों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, अगर आग लगी तो हालात खराब हो सकते है

ग्रेटर फरीदाबाद में बहुमंजिला इमारतें तो बन गई हैं, लेकिन आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो लोगों की जान को खतरा हो सकता है। ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों का कहना है कि ज्यादातर हाईराइज सोसायटियों में आग बुझाने के इंतजाम नहीं हैं। आग लगी तो हजारों लोगों की जान को खतरा हो सकता है। कई सोसायटियों में बालू बाल्टियों और पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने का आरोप है कि सोसायटियों में लगे अलर्ट अलार्म भी काम नहीं करते हैं। बिल्डर्स पर फायर एनओसी नहीं लेने का आरोप लगाया गया है।

 

ये हैं नियम अनिवार्य

सोसाइटियों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, अगर आग लगी तो हालात खराब हो सकते है

नियम के तहत बिल्डर और आरडब्ल्यूए को हर साल फायर एनओसी का नवीनीकरण कराना होता है। इसके अलावा साल में एक बार सिलेंडर बदला जाता है। पाइप (आग बुझाने के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी का पाइप), इमरजेंसी ड्रिल (फायर ड्रिल), फायर अलार्म और स्मोक अलार्म की हर 6 महीने में जांच की जाती है। सीनियर फायर ऑफिसर रामदत्त भारद्वाज से बातचीत में उन्होंने बताया कि आईएमटी से फायर स्टेशन शुरू किया गया है, जिससे स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी। बड़ी मशीनों की मांग की गई है, अगर किसी बिल्डर ने फायर एनओसी नहीं ली है, तो इस संबंध में विभाग को सूचित करें। सोसायटियों में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम की भी जांच की जाएगी।

 

पहले भी हुआ हादसा

सोसाइटियों में आग से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं, अगर आग लगी तो हालात खराब हो सकते है

गौरतलब है कि 13 नवंबर 2021 को ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-70 स्थित 33 मंजिला रॉयल्स हेरिटेज सोसाइटी के 12वें फ्लोर पर स्थित एक फ्लैट में देर रात भीषण आग लग गई। इस घटना में 14 फ्लैटों को नुकसान पहुंचा है। सोसायटी में लगे उपकरण आग पर काबू पाने में काम नहीं आए। लोगों ने बाल्टियों से पानी भरकर आग पर काबू पाया। इस तरह की घटना से भी विभाग और बिल्डर ने सबक नहीं सीखा। सोसायटियों में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम की कोई जांच नहीं हो रही है। वर्तमान में, विभाग के पास 12 मंजिल तक की हाइड्रोलिक अग्निशमन मशीनें हैं, जबकि शहर में 35 मंजिल तक की इमारतें हैं। ऐसे में ऊंची इमारतों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। लोगों का कहना है कि सरकारी विभाग भी इसे लेकर गंभीर नहीं है। अभी मशीनों को लेने का मामला फाइलों में चल रहा है।

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