IIT मद्रास में तैयार किया गया पोर्टेबल अस्पताल

0
269

जहां एक ओर कोरोना महामारी के बढ़ते पेशेंट्स के कारण अस्पतालों में बेड की कमी पड़ रही है, वहीं दूसरी ओर आईआईटी मद्रास द्वारा फंड किए गए स्टार्टअप मॉडल्स हाउसिंग ने इस समस्या को सुलझाने के लिए पोर्टेबल अस्पताल तैयार किया है।

क्या है इस पोर्टेबल अस्पताल की खासियत

IIT मद्रास में तैयार किया गया पोर्टेबल अस्पताल
  1. सबसे पहले यह जानना जरूरी है की पोर्टेबल अस्पताल सामान्य अस्पताल से कैसे अलग है? साधारण या सामान्य अस्पताल एक बार बनने के बाद स्थिर रहते हैं, उन्हें हिलाया नहीं जा सकता। लेकिन पोर्टेबल अस्पताल एक ऐसा इनोवेशन है जिसे आसानी से कहीं पर भी ले जाया जा सकता है।
  2. सामान्य अस्पतालों को बनने में कई महीने लग जाते हैं लेकिन इसकी खासियत यह है कि इसे दो लोग मिलकर चार घंटे में कहीं भी तैयार कर सकते हैं।
  3. इस पोर्टेबल अस्पताल का नाम मेडीकैब रखा गया है। और इसे पूरी तरह फोल्डेबल बनाया गया है।
  4. पूरी तरह फोल्डेबल होने के कारण मेडिकैब के सामान को कहीं पर भी ले जाया जा सकता है। इस कारण इस पोर्टेबल अस्पताल मेडिकैब का ट्रांसपोर्टेशन खर्चा बहुत कम है।
  5. इसे स्टील, मिश्रित सामग्री का और एक प्राइमर उपयोग करके बनाया गया है और इसे बनाने वाली कंपनी मॉडुल्स हाउसिंग का दावा है कि यह पोर्टेबल अस्पताल लगभग 12 वर्षों तक अपने उद्देश्य की पूर्ति कर सकती है।
  6. कहीं भी ले जा सकने वाले इस पोर्टेबल अस्पताल में एक डॉक्टर रूम, एक आइसोलेशन रूम, एक मेडिकल रूम या वार्ड और दो बेड वाले आईसीयू की व्यवस्था उपलब्ध है।
IIT मद्रास में तैयार किया गया पोर्टेबल अस्पताल

कुछ समय पहले केरल के वायनाड में मेडिकैब की कुछ यूनिट्स लॉन्च की गई। आईआईटी-मद्रास ने गुरुवार को केरल के डिप्लॉयमेंट हैबिटेट फॉर ह्यूमैनिटीस टेरविल्लिगर सेंटर फॉर इनोवेशन इन शेल्टर के ग्रांट के साथ यह काम किया ।

यह पोर्टेबल अस्पताल एक माइक्रो अस्पताल की तरह समझा जा सकता है। ऐसे माइक्रो अस्पताल बनाने का मुख्य उद्देश्य स्मार्ट हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है। मॉड्यूलस हाउसिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीराम रविचंद्रन ने बताया कि मेडीकैब जैसे यूनिक प्रोजेक्ट के द्वारा गांव में अस्पतालों की कमी को पूरा किया जा सकता है। उनका कहना है कि कोरोना के समय पर शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को अस्पताल बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन गांव में ऐसा करना संभव नहीं है। ऐसी जगहों पर यह पायलट प्रोजेक्ट मेडीकैब कोरोनावायरस जैसी महामारी से लड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।

IIT मद्रास में तैयार किया गया पोर्टेबल अस्पताल

क्या आपको लगता है कि IIT Madras के इस पोर्टेबल प्रोजेक्ट मेडीकैब के जरिए गांव में अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर की कमी को पूरा किया जा सकता है? अपनी राय कमेंट करके में बताइए।

Written by- Vikas Singh