इस साल 3 नवंबर से 10 नवंबर तक लगने वाला सूरजकुंड दीपावली मेला देश की सांस्कृतिक समृद्धि का अहसास कराएगा। हस्तशिल्प, संस्कृति, योग और स्वास्थ्य को समर्पित मेले में त्योहार और रंग बिखेरेंगे। मेला मैदान दीपों की रोशनी से जगमगा उठेगा। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत चलने वाले इस मेले में योग और ध्यान पर कार्यशाला भी होगी। हरियाणा पर्यटन निगम पहली बार दिवाली मेले का आयोजन कर रहा है, जो फरवरी में होने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले से अलग होगा। दीपावली मेले के आयोजन की तैयारी के तहत पर्यटन निगम ने इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। मेले के आयोजन के लिए एजेंसियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
दियों की रोशनी से जगमग होगा मेला
बता दे कि एजेंसी की टीम प्रथम प्रस्ताव के साथ भारतीय संस्कृति, योग-ध्यान, गीत-संगीत और कला पर आधारित प्रस्तुति देगी। इस दौरान देखा जाएगा कि किस एजेंसी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहता है। इसके बाद ही उन्हें मेले में आने का मौका दिया जाएगा। हरियाणा पर्यटन निगम का मानना है कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में संगीत और हस्तकला से जुड़े लोगों का बहुत बड़ा योगदान है। ऐसे में कितने कारीगर और कलाकार बुलाए जाएं। इसको लेकर निगम अधिकारी अभी चर्चा कर रहे हैं।
बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जाएगा
दीपावली मेले में बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जाएगा। जहां बच्चे घुड़सवारी व झूलों का लुत्फ उठा सके। मेले के सभी प्रवेश द्वार दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे। प्रदूषण मुक्त आतिशबाजी भी होगी। हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक नीरज कुमार ने कहा कि मेले की तैयारी इस तरह की जाएगी कि आने वाले पर्यटकों को भी एक अलग तरह का अनुभव हो।