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देहरादून स्टेशन की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर क्यों हुई वायरल ? जिससे हिन्दू-मुस्लिम आपस में लड पड़े

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देहरादून रेलवे स्टेशन में लगी नाम पट्टिका में हिंदी, अंगेजी के साथ अब देहरादून संस्कृत में भी सबको लिखा दिखाई देगा। सोशल मीडिया पर आज #SANSKRIT ट्रेंडिंग में बना हुई है।

क्यूंकि, बीजेपी के नेता और प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक तस्वीर शेयर की है जिसमें देश के मशहूर हिल स्टेशन देहरादून के रेलवे स्टेशन पर लगे बोर्ड में हिंदी, अंग्रेजी के साथ संस्कृत में भी नाम दिया गया है।

देहरादून स्टेशन की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर क्यों हुई वायरल ? जिससे हिन्दू-मुस्लिम आपस में लड पड़े

सोमवार सुबह यह मुद्दा तब सामने आया जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने पहली बार ‘ईगल आई’ नाम के एक ट्विटर हैंडल द्वारा पोस्ट की गई दो तस्वीरों को रीट्वीट किया। एक तस्वीर में कथित तौर पर देहरादून का एक पुराना स्टेशन साइनबोर्ड दिखाई दे रहा था जिसमें नाम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में लिखा हुआ था।

वहीं दूसरी तस्वीर में साइनबोर्ड पर नाम उर्दू की जगह संस्कृत में लिखा हुआ दिखाई दे रहा था। इसी के साथ ट्विटर पर लोग संस्कृत के पक्ष और विपक्ष में धड़ाधड़ ट्विट कर रहे हैं। साथ ही कुछ लोग इस वायरल तस्वीर पर सवाल भी उठा रहे हैं। भाजपा नेता अनिल शर्मा ने इसको लेकर ट्विट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘बदलता भारत हमारी संस्कृति ही हमारा अभिमान है।’

देहरादून स्टेशन की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर क्यों हुई वायरल ? जिससे हिन्दू-मुस्लिम आपस में लड पड़े

आपको बता दें कि, इस साल जनवरी में उत्तराखंड सरकार ने रेलवे स्टेशन का नाम संस्कृत में लिखने का फैसला लिया था। संस्कृत राज्य की दूसरी राजकीय भाषा है। रेलवे के नियमों के मुताबिक हिंदी और अंग्रेजी के अलावा राज्य अपनी राजकीय भाषा में स्टेशन का नाम लिख सकते हैं। बता दे की, हिमाचल प्रदेश ने 2019 में संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा बनाया था | यह तस्वीरें अभी की नहीं हैं बल्कि पुरानी बताई जा है।

संबित पात्रा ने पोस्ट की की तस्वीर, रेलवे ने दिया बयान

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को देहरादून स्टेशन के साइन बोर्ड की एक तस्वीर ट्वीट की। इसमें देहरादून को संस्कृत में देहरादूनम् लिखा हुआ है। साइनबोर्ड पर उर्दू को छोड़कर हिंदी और अंग्रेजी में देहरादून लिखा हुआ दिख रहा है। हालांकि उनके दावे को रेलवे अधिकारियों ने खारिज कर दिया है।

देहरादून स्टेशन की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर क्यों हुई वायरल ? जिससे हिन्दू-मुस्लिम आपस में लड पड़े

दिल्ली में उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि साइनबोर्ड पर देहरादून स्टेशन का नाम संस्कृत में नहीं लिखा है। पहले की तरह ही हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में नाम बोर्ड पर दिखाई दे रहे हैं। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने दावा किया कि यह सोशल मीडिया पर बनाया गया एक भ्रम था।

जोनल रेलवे अधिकारी ने कहा, ‘देहरादून में यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा था।

देहरादून स्टेशन की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर क्यों हुई वायरल ? जिससे हिन्दू-मुस्लिम आपस में लड पड़े

सहस्रबुद्धे ने ट्वीट कर कहा, ‘भारतीय रेलवे की इस महत्वपूर्ण पहल को हमारे साथ साझा करने के लिए धन्यवाद।’ इसके बाद पात्रा ने तस्वीर ट्वीट कर लिखा, ‘संस्कृत।’ देर रात तक पात्रा के ट्वीट को 95,000 से ज्यादा लाइक्स, 18,000 रीट्वीट और कमेंट्स मिल चुके थे। बता दें कि संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक दूसरी भाषा है।

सूत्रों ने बताया है कि, उत्तर रेलवे ने देहरादून स्टेशन के साइनबोर्ड को संस्कृत में उर्दू की जगह करने की कोशिश की थी। इसी सिलसिले में उत्तराखंड भाजपा के एक विधायक ने 2019 में रेल मंत्रालय को रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत के साथ हिंदी और अंग्रेजी में लिखने की मांग की थी। जिसके बाद उत्तर रेलवे ने देहरादून जिला अधिकारी को पिछले साल आधिकारिक तौर पर चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार से इजाजत लेने को कहा था। जिसपर रेलवे को कोई जवाब नहीं मिला।

नोट- फोटो की सत्यता की हम बिलकुल पुष्टि नहीं करते हैं, फिलहाल ये सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।

Written by- Prashant K Sonni

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