दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। अब उन सब बिल्डर्स और इंजीनियर के खिलाफ छानबीन की जाएगी जो अवैध रूप से बिजली कनेक्शन करवाते हैं।
सोहना डिवीजन के जूनियर इंजीनियर के कहने पर डीएचबीवीएन ने इसकी जांच क लिए एक खास टीम गठित की है। कुछ जूनियर इंजीनियर्स ने इस बात का दावा किया है कि सोना डिवीजन के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने सरकारी नियमों को ताक पर रखते हुए अधूरे बिल दिखा कर सेक्टर 58 से 115 तक प्राइवेट सोसायटी का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए बड़ी आसानी से बिजली का कनेक्शन करवाया था।
हरियाणा राज्य बिजली बोर्ड डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के अनुसार, प्राइवेट बिल्डर सोसाइटी को बिजली कनेक्शन देने के दौरान 10 से अधिक कर्मचारी, जो दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करत रहे थे, उनका वरिष्ठ अधिकारी के इशारे पर सोहना डिवीजन के दूसरे स्थानों पर स्थानांतरण करवाया गया।
एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि कैसे पिछले तीन वर्षों से, नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है और कैसे बिल्डरों और प्राइवेट संस्थाओं को सरकार के न्यूनतम मानदंडों को पूरा किए बिना भी बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे भी कई केस आए हैं जिनमें जमा किए गए डॉक्यूमेंट नकली पाए गए हैं। कई मामलों में, अपर्याप्त बैंक गारंटी को स्वीकार किया गया , या बिल्डरों को कनेक्शन प्राप्त करने के लिए बिल्ड-अप क्षेत्र का आधा हिस्सा दिखाने की भी अनुमति दी गई थी।
DHBVN ने पूरी जांच पड़ताल के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया
- समिति के एक सदस्य ने कहा कि इल्जाम लगाए बिल्डर्स और इंजीनियर का सच सामने लाने के लिए डीएचबीवीएन 3 सदस्यों की एक टीम तैयार की है।
- इस समिति द्वारा कर्मचारियों के लगाए गए आरोपों के समर्थन के लिए उन्हें दस्तावेज जमा करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया है।
- जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में थोड़ा समय लगेगा।
आरोपी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को जब अपने ऊपर लगाए गए इल्जाम के बारे में पता चला तो उसने इंकार कर दिया। उसने कहा कि वह अपना स्पष्टीकरण दे चुका है, उसने बिजली कनेक्शन करवाने के लिए किसी भी सरकारी नियम का उल्लंघन नहीं किया और वह हर तरह की जांच के लिए तैयार है।
Written by Vikas Singh