फरीदाबाद खेल विभाग ने मंगा, जिले की अकैडमियों का डेटा, वजह जान हो जाएंगे हैरान

    0
    329

    कोरोना महामारी ने खेलों को बहुत प्रभावित किया है | खेल चाहे राष्ट्रिय लेवल का हो या अंतर्राष्ट्रीय लेवल का सबकुछ बुरी तरह से प्रभावित हुआ है | महामारी आने से पहले औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के युवा सड़कों पर दौड़ लगाने से लेकर अकैडमियों में पसीना तक बहाते थे |

    अब खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग ने जिले की निजी खेल अकैडमियों का डेटा मांगा है | निजी अकैडमि संचालकों को जल्द ही अपनी तमाम जानकारियां देनी होगीं |

    फरीदाबाद खेल विभाग ने मंगा, जिले की अकैडमियों का डेटा, वजह जान हो जाएंगे हैरान

    गत दिनों यह खबर बहुत चर्चा में रही थी कि एक तरफ जहां हरियाणा सरकार खेलों को बढ़ावा देने और ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाडियों को प्रोत्साहन देने के लिए ईनाम के राशि लगातार बढ़ा रही है, वहीं फरीदाबाद के खेल विभाग के पास महत्वपूर्ण खेलों के लिए कोच तक उपलब्ध नहीं है। फिलहाल विभाग ने अकैडमियों से डेटा तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है |

    फरीदाबाद खेल विभाग ने मंगा, जिले की अकैडमियों का डेटा, वजह जान हो जाएंगे हैरान

    फरीदाबाद जिले में इस समय 100 से अधिक अलग – अलग खेलों की अकैडमियां चल रही हैं | जिले में योग, क्रिकेट, कराटे, शंतरज, बॉक्सिंग, कबड्डी, कुश्ती, फुटबॉल, लॉनटेनीस, स्विमिंग, जिम्नैस्टिक, वॉलीबाल समेत बहुत से खेलों की अकैडमियां हैं | इन सभी अकैडमियों के संचालक खिलाडियों से मोटी फीस वसूलते हैं |

    संचालक जब कोई प्रतियोगिता करवाते हैं तो उनमें खेल विभाग के अधिकारीयों को भी बुलाया जाता है | ऐसी ख़बरें आती रहती हैं कि अकैडमि संचालकों और अधिकारीयों की आपस में मिलीभगत होती है|

    Department of Sports launches its 2019 Sports Awareness Campaign with its  Annual Sports Conference in collaboration with NP

    अपना पेट ही सबको दिखाई देता है इसलिए भ्रष्ट्रचार जैसी बीमारियां देश में बढ़ती जा रही हैं | अधिकारीयों संग संचालकों की मिलीभगत के कारण ही अकैडमियों में सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन्स की अनदेखी की जाती है | यदि कारण है कि कभी भी संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की जाती | अब खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग ने सभी खेल अधिकारीयों को कहा है कि वह निजी अकैडमियों का डेटा तैयार करें |