मानव रचना हैप्पी टाइम्स के 11वें संस्करण में भारतीय रेसलर और ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले सुशील कुमार से हिस्सा लिया.
इस दौरान उन्होंने अपने जीवन की कई महत्वपूर्ण बातें छात्रों के साथ साझा की. उन्होंने कहा, जीवन में सफलका पाने के लिए कोई शॉर्ट-कट नहीं होता है, उसके लिए कड़ी मेहनत और परिश्रम करना होता है.
सुशील कुमार ने बताया जो भी छात्र रेसलिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं वह 12 साल की उम्र से ही प्रैक्टिस करना शुरू कर दें, क्योंकि छोटी उम्र में दांव सीखना बेहद आसान होता है. 15-16 साल की उम्र में रेसलिंग के दांव सीखने में थोड़ी मुश्किल सामने जरूर आती है. सुशील कुमार ने अपनी जीत का श्रेय अपने गुरु सतपाल को दिया. उन्होंने कहा, आज वह जो भी हैं अपने गुरु और बुजुर्गों को आशीर्वाद से हैं.
सुशील कुमार ने साझा किया अपना अनुभव
सफलता के लिए कोई शॉर्ट-कट नहीं होता- सुशील कुमार
लगातार प्रैक्टिस के कारण इंजरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा, रिहैब और ट्रेनिंग सेशन लेने चाहिए ताकि चोट गहरी न हो और शरीर को नुकसान न पहुंचाए. उन्होंने बताया ओवर प्रैक्टिस भी शरीर को नुकसान पहुंचाती है, खिलाड़ियों को इसका भी खास ध्यान रखना चाहिए.
उन्होंने उम्मीद जताई आने वाले समय में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत कई यंग पहलवान हैं जो देश की झोली ओलंपिक मेडल से भरेंगे.सुशील कुमार ने ये भी बताया कि उन्हें मालदीव्स घूमना बहुत पसंद है. वह साल में दो बार भी परिवार के साथ मालदीव्स घूमने जाते हैं. उन्हें समंदर के बीच रहना बहुत अच्छा लगता है.
मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की वीपी डॉ. अमित भल्ला ने सुशील कुमार का धन्यवाद किया. उन्होंने उन्हें कैंपस आने का भी न्योता दिया.ऑनलाइन आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में मानव रचना के छात्रों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया.