अब तक सिर्फ फिल्मों में देखा होगा कि लाशें बदलती है लेकिन फरीदाबाद शहर में असलियत में बदली लाशें

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फरीदाबाद : फिल्मों की यदि बात करी जाए तो अक्सर फिल्मों में आपको अदला-बदली जैसे मामले दिखाई देंगे कभी मृतक के शवों को बदलना तो कभी पैदा हुए बच्चों को बदलना लेकिन आज हम आपको बताएंगे असल जिंदगी में भी यह सब मामले कभी कभी सामने आ जाते हैं। जिनका मुख्य कारण लापरवाही और दुश्मनी भी हो सकता है।

अब तक सिर्फ फिल्मों में देखा होगा कि लाशें बदलती है लेकिन फरीदाबाद शहर में असलियत में बदली लाशें

फरीदाबाद सेक्टर 37 से भी आज 19 जुलाई को एक ऐसी ही घटना सामने आई जिस घटना का विवरण प्रीति नामक लड़की ने किया उन्होंने हमें इस मामले की पूरी जानकारी दी।

प्रीति ने कहा कि उसके पिता को कैंसर की बीमारी थी जिस वजह से उनका बच पाना बेहद मुश्किल था ऊपर से वह गरीब परिवार से थी उनके पास पिता के इलाज के लिए पैसे भी नहीं थे लेकिन ईएसआई कार्ड बनने की वजह से उन्हें काफी राहत मिली उन्होंने और उनकी माता ने मिलकर उनके पिता का इलाज कराया लेकिन उनका कहना है कि ज्यादा दवाई और ग्लूकोस की वजह से उनका शरीर धीरे-धीरे फूलने लग गया।

अब तक सिर्फ फिल्मों में देखा होगा कि लाशें बदलती है लेकिन फरीदाबाद शहर में असलियत में बदली लाशें
Preeti

प्रीति ने कहा कि उनके पिता की हालत बेहद गंभीर हो चुकी थी इसीलिए उन्हें एशियन अस्पताल में रेफर किया गया जिसके बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई। मामला बस यहां से शुरु हो गया अस्पताल वालों की लापरवाही की वजह से सब हक्के बक्के रह गए आखिर इतनी बड़ी भूल अस्पताल वाले कैसे कर सकते है ।

अस्पताल वालों ने जब मृत शरीर को घर वालों को सौंपा उसके बाद घर वालों ने अंतिम क्रिया कर्म के लिए तैयारियां की और शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे तो अंतिम विदा लेते वक्त प्रीति ने एक बार अपने पिता का चेहरा देखना चाहा और चेहरा देखते ही प्रीति के पैरों तले जमीन खिसक गई।

वहां प्रीति के पिता नहीं बल्कि 80 साल की एक महिला का शव था जिसे देखकर प्रीति जोर जोर से रोने लगी जब घर वालों ने अस्पताल में फोन लगाकर बात की शिकायत करी तो अस्पताल वालों ने भी धमकाते हुए कहा कि आप हमें हमारा काम करने दे और इस बात का बतंगड़ ना बनाएं।

हालांकि यह मामला पुलिस के पास जा चुका है लेकिन अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन ने अस्पताल के विरुद्ध क्या एक्शन लेता है लेकिन इस बात से यह साबित हो गया की अस्पताल द्वारा की गई इस लापरवाही की वजह से घर वाले बेहद परेशान हैं और यह अस्पताल द्वारा बहुत बड़ी गलती है अब देखना यह है कि प्रशासन अस्पताल की इस लापरवाही के खिलाफ क्या कदम उठाता है ।