हरियाणा के 1.4 लाख कर्मचारियों के लिए आशा की किरण,पुरानी पेंशन योजना की बहाली

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हरियाणा के 1.4 लाख कर्मचारियों के लिए आशा की एक किरण जग चुकी है। जिन सरकारी कर्मचारियों ने सर्विस जनवरी 1, 2006 के बाद जॉइन करि है, उन सभ के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली हो चुकी है।

बीजेपी- जेजेपी सरकार ने सर्व कर्मचारी संघ के दबाव मे आकर विभन सरकारी विभागों से इस पेंशन के वित्तिय परिणाम की विस्तृत जानकारी मांगी है।

हरियाणा के 1.4 लाख कर्मचारियों के लिए आशा की किरण,पुरानी पेंशन योजना की बहाली

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव के कार्यालय ने एसकेएस द्वारा भेजे गए “मसौदा प्रस्ताव” पर विभागों से रिपोर्ट मांगी थी। यह प्रस्ताव सरकार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ट्रेड यूनियंस के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद भेजा गया था।

एसकेएस अध्यक्ष, सुनील लांबा ने कहा है कि संघ ने यह ‘मसौदा प्रस्ताव’ पुरानी पेंशन स्कीम के आधार पर राज्य सरकार को पिछले महीने भेजा था। प्रस्ताव भेजने के बाद सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम पर विचार करना शुरू कर दिया था।

लांबा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनवरी 2006 के बाद के कर्मचारियों के मासिक वेतन मे 10% का योगदान, नई पेंशन योजना के तहत प्रतिवर्ष ₹680.40 करोड़ है। चूंकि यह राशि वित्तीय बाज़ार मे वापिस आएगी, इसलिए इसका मूल उधेश्य बड़े कॉरपोरेट्स को लाभ पहुँचाना था।

गणना के अनुसार सरकार को इन कर्मचारियों का 10% के हिसाब से पेंशन शेयर ₹56.70 करोड़ हर महीने जमा करवाने पड़ता है। यह राशि सालाना ₹680.40 करोड़ बनती है। यदि इन कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन नीति लागू कर दी जाए तो सरकार के पास यह राशि सीधे रूप से बच सकती है। सर्व कर्मचारी संघ ने कहा कि न्यू पेंशन प्रणाली शेयर मार्केट के जिरए पूंजीपतियों को फायदा पहुचाने की नीति है।

पुरानी पेंशन योजना की बहाली राज्य सरकार और कर्मचारियों, दोनो के लिए जीत की स्थिति है।

Written by – Harsh Datt