इस साल की दिवाली शहरवासियो के लिए बहुत ही ज्यादा ख़ास होने वाली है, क्योंकि इस बार 3 नवंबर से 10 नवंबर तक सूरजकुंड दिवाली मेले का आयोजन होने वाला हैं। इस दिवाली मेले के आयोजन से पहले ही पूरे प्रदेश भर में इसका प्रचार प्रसार तो बहुत जोरो शोरो से हो गया है। लेकिन आलम यह है कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने अभी तक मेले को लेकर किसी भी तरह की तैयारियां शुरू नहीं की है।
बता दें कि अभी तक यहां के हटो की मरम्मत नहीं की गई, जगह जगह कूड़े के ढेर जमा हो रखें है, साथ ही चौपाल भी अभी तक तैयार नहीं की गई है। फिलहाल मेला परिसर की ये हालत देख कर लग रहा है कि अधिकारियों की इस लापरवाही का हर्जाना शिल्पकारों और जनता को भुगतना पड़ सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि यह मेला सूरजकुंड अंतराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले से बिलकुल ही अलग होगा, क्योंकि इस मेले में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही आप लोगों को देश की विरासत और समृद्धि संस्कृति भी देखने को मिलेंगी। इस बार मेले में 500 से अधिक शिल्पकार और लोककलाकार हिस्सा लेंगे। वैसे इस बार 1200 स्टालों में से केवल 250 स्टाल ही कलाकारों को अलाट किए जाएंगे। ये स्टाल भी एक निजी कंपनी द्वारा अलाट किए जाएंगे।
मेला परिसर की इस हालत को लेकर हरियाणा पर्यटन निगम के वरिष्ठ प्रबंधक US भारद्वाज का कहना है कि,” नवंबर में लगने वाले मेले की तैयारी जल्द शुरू की जाएगी, इसके लिए एजेंसी को ठेका दिया गया है।”