फरीदाबाद : शहर में बढ़ते कोरोना वायरस के कदम रोकनें के लिए जरूरत है आमजन अपने घर से बाहर निकलने वालें कदमों पर भी रोक लगाने। तभी जाकर कोरोना वायरस से खुदको महफूज़ रख पाने की जंग में मुक्कमल हो सकतें है।
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग लोगों की जान बचाकर , निगम विभाग देश के एक एक कोने को रोगाणुमुक्त कर, तो वहीं पुलिस प्रशासन लोगों को घरों से निकलने से रोकने कर इसी जद्दोजहत में जुटें है कि किसी भी तरह अपने देश की वो पुरानी तस्वीर जो इस कोरोना वायरस में धूमिल हो चुकी है, उसे वापस लाया जा सकें।
इसी कड़ी में आज फरीदाबाद के जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर – घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य के जांच का बीड़ा उठाया जा रहा है, तो ऐसे में लोगों को भी जरूरत है की वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का पूर्ण समर्थन करें।
उन्होंने कहा जो भी सफाई कर्मचारी या स्वास्थ्य विभाग लोगों को इस वायरस के कहर से बचानें के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे है, उनको दुत्कारने की वजह उन्हें सम्मान और अपना समर्थन दें।
क्योंकि यहां सवाल सिर्फ केवल एक इंसान का नहीं बल्कि पूरे भारत का है। इसलिए इंसानियत और एक देश भक्त होने के नाते घर में बीमारी को पालने और छिपाने से बेहतर है कि जनता स्वयं बाहर निकलें और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दें। क्योंकि आपकी एक छोटी की लापरवाही बरतने से सैकड़ों की जान पर बन आ सकती हैं।
वहीं डीसी ने कहा कि यदि ज़िले में टेस्टिंग रैपिड सुचारू रूप से अमल में लाई जाती तो, शायद ही उन्हें जनता से यूं अपील करने की जरूरत पड़ती। क्योंकि जिस तरह यह बीमारी लोगों को अपना शिकार बना रही हैं, अगर देखा जाए तो सरकार को भी जरूरत थी इस बीमारी से निपटनें के लिए एतिहात बरतें जाने की। पर जिस स्लो मोशन में लोगों की जांच की जा रही है, वो कहीं ना कहीं सरकार के दावों को खोखला साबित कर रही हैं।