Haryana के सूरजकुंड मेले में राष्ट्रपति के सामने इन लोक कलाकारों ने बांधा समा, जोरों शोरों से मेले की हुई शुरुवात

0
705
 Haryana के सूरजकुंड मेले में राष्ट्रपति के सामने इन लोक कलाकारों ने बांधा समा, जोरों शोरों से मेले की हुई शुरुवात

2 फ़रवरी, जिस दिन का प्रदेश के लाखों लोगों को बेसब्री से इंतजार था वो दिन आ ही गया। आज महीनों के इंतजार और सैकड़ों कारीगरों की मेहनत को अंज़ाम देते हुए देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 37वे अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की शुरुआत कर ही दी‌। विभाग द्वारा मेले का उद्घाटन समारोह बड़ा भव्य आयोजित किया गया।

Haryana के सूरजकुंड मेले में राष्ट्रपति के सामने इन लोक कलाकारों ने बांधा समा, जोरों शोरों से मेले की हुई शुरुवात

वैसे इस समारोह के दौरान हरयाणवी लोककलाकरो ने डेरू वाद्य यंत्र से राष्ट्रपति से समक्ष संगीत की प्रस्तुति करके एक अलग ही समा बांधी। बता दें कि ये कलाकार पर्यटन विभाग हरियाणा के भिवानी जिले से मेला परिसर में बुलाए गए थे, क्योंकि विभाग पांचवी शताब्दी में लुप्त हो चुकी इस डेरू वाद्य कला को हरयाणवी संस्कृति में सहज कर रखना चाहता है।

Haryana के सूरजकुंड मेले में राष्ट्रपति के सामने इन लोक कलाकारों ने बांधा समा, जोरों शोरों से मेले की हुई शुरुवात

इसी के साथ बता दें कि इन लोककलाकरो का अभ्यास कला संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने अपनी देख रेख में कराया है, ताकि राष्ट्रपति के सामने किसी भी तरह की गलती न हो।

अपने इस डेरू वाद्य की जानकारी देते हुए डेरू कलाकार कुलदीप, ज्ञानी, धीरज, सन्नी, हेमराज और साहिल ने बताया कि,”डेरू वाद्य यंत्र भगवान शिव के डमरू का बड़ा रूप है। यह आम की लकड़ी के दोनों तरफ बारीक खाल मढ़ कर बनाया जाता है और रस्सियों से कसा जाता है। साथ ही एक हाथ से पकड़ कर डोरियों पर दबाव डाल कर कसा और ढीला छोड़ा जाता है। तथा दूसरे हाथ से लकड़ी की पतली डंडी से इसे बजाया जाता है। जिससे कलाकार अपनी धुन और राग निकलता है। लोककलाकार इस वाद्य यंत्र से अपने अराध्य गुरु गोरखनाथ की कथा गाते हैं।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here