सावन का महीना आते ही सरकार के दावों की पोल खुल जाती है। सरकार की और से जनता को किये गए सारे वादे फीके पड़ने लगते है । थोड़ी सी बारिश होते ही पूरा शहर स्विमिंग पुल बन जाता है। जगह जगह पानी भरने के कारण लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
फरीदाबाद में दो दिनों की भारी बारिश के कारण पुरे शहर में पानी भर चूका है और साथ ही नगर निगम के वादों की पोल खुल चुकी है। मॉनसून से निपटने की तैयारी के पुख्ता इंतजाम होने के निगम के दावे इस बारिश से हवाई साबित हुए।
दो दिन की बरसात से ही शहर का सीवरेज सिस्टम बेकार होता दिखा। जगह-जगह जलभराव की स्थिति रही और विभिन्न मुख्य मार्गों पर देर शाम तक दो से ढाई फुट तक पानी खड़ा रहा। इससे लोगों के लिए भारी परेशानी बनी रही। जहां एक तरफ पैदल जाने वाले लोग उनका सफर पूरा करने में बेबस होते दिखे तो वहीं दोपहिया वाहन चालक भी फुट रेस्ट से पांव उठाकर सीट और लेग गार्ड पर रखकर निकलते नजर आए।
बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग सभी सीवरेज सिस्टम के फेल होने से समस्याओं से दो-चार होते रहे। हैरत की बात यह है कि नगर निगम के अधिकारी पूर्व में शहर की सभी रोड जालियों की सफाई से लेकर सीवरेज सिस्टम को दुरूस्त किए जाने के असंख्य दावे कर चुके हैं। बावजूद इसके हर बार बरसात के बाद वहीं पुरानी समस्याएं दरपेश आती हैं। इससे लोगों में नगर निगम की कार्यप्रणाली के खिलाफ काफी रोष है।
सरकार की और से अब भी इस जलभराव की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बारिश की समस्या को नजर अंदाज करते हुए सरकार अत्तिक्रमण पर ध्यान दे रही है. एक तरफ पूरा शहर बीमार पड़ा है और दूसरी और प्रषासन क्विरिनटीन हो गया है। हर बार की तरह अब भी उन्ही इलाको में पानी की समस्या देखने को मिल रही है , जहा पहले देखि जाती थी। बता दे की सरकार की और से बारिश से होने वाली समस्या को लेकर अभी कोई सख्त कदम नहीं उठाये गए है।
परेशानी लघु सचिवालय के समीप, पावर हाउस रोड, हनुमान चौक के समीप, माल रोड, महिला थाना के समीप, सिरकी बाजार, अजीत रोड, भट्टी रोड व 100 फुटी रोड सहित अन्य मार्गों पर भी जलभराव से लोग दो-चार होते नजर आए।
हैरत की बात यह है कि उक्त स्थानों पर इससे पहले भी जलभराव से लोगों के लिए संकट खड़ा होता रहा है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी हर बार हवाई दावे कर मॉनसून खत्म होने के इंतजार में रहते हैं। हर साल की तर्ज पर इस बार भी लोगों को बारिश के दौरान काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।