Faridabad के Surajkund मेले में इस बार एक ऐसे कलाकार आए हैं, जो पर्यटकों को भारतीय संस्कृति की विलुप्त होती हुई कला दिखा रहे है। यह कलाकार कोई और नहीं बल्कि गुजरात के भुज से आए हस्तशिल्पी तेज सिंह है। वह मेले में पर्यटकों को खरड़ दरी की कला से परिचित करवा रहे है। वैसे आपको यह कला जोन 5 के स्टॉल नंबर 963 पर देखने को मिलेगी।
बता दें कि यह खरड़ दरी की कला 500 साल पुरानी है और यह विलुप्त होने की कगार पर है। लेकिन तेज सिंह अपने बेटो और अपने भाइयो के साथ मिलकर इस कला को बचा रहे हैं और लोगो के सामने ला रहे है। इसी के साथ बता दें कि उनके इन्ही प्रयासों से यह कला दुबारा जीवित हुई और उन्हें भारत के अलावा विदेशों में भी पहचान दिलाई।
जानकारी के लिए बता दें कि तेज सिंह राज्य, राष्ट्रीय और संत कबीर अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके है। वैसे ये दरी ऊँठ, बकरा, भेड़ की ऊन से बनाई जाती है और दरी बहुत गर्म होती है।