जाने क्या इस रक्षाबंधन पर रोडवेज बसें चलाई जाएंगी ?

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फरीदाबाद : भाई और बहन सबसे बड़ा त्योहार आने वाला है । ऐसे में सरकार इस विषय को लेकर चिंतित है कि आखिर कोरोना काल के दौरान बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए कैसे जाएंगे।

आपको बताना चाहेंगे कि सरकार हर साल इस दिन महिलाओं के लिए बसों का किराया मुफ्त या फिर कम कर देती थी लेकिन इस साल बहने यही आस कर रही हैं कि कम से कम बस सेवा ही शुरू हो जाए ताकि वह अपने भाइयों की कलाई पर प्रेम का धागा बांधने जा सके।

जाने क्या इस रक्षाबंधन पर रोडवेज बसें चलाई जाएंगी ?

लेकिन चिंता का विषय यह है कि कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है इसलिए बस सेवा शुरू करने से पहले कई सारी बातों का ध्यान रखना होगा।

सूत्रों के मुताबिक 2 अगस्त से लेकर 4 अगस्त तक लगभग 3 दिन के लिए सभी बसों को रूट पर भेजने को लेकर विचार किया जा रहा है ताकि महिलाओं को रक्षाबंधन पर किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

इसी कड़ी में सवाल ये उठता है कि आखिर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किस प्रकार बस सेवा शुरू की जाएंगी तो आपको बताना चाहेंगे कि एक बस में केवल 30 व्यक्ति ही बैठ सकेंगे।

जाने क्या इस रक्षाबंधन पर रोडवेज बसें चलाई जाएंगी ?

रोडवेज प्लानिंग के तहत रक्षाबंधन पर्व के दिन अपनी सभी बसों को ऑन रूट कर सकता है कोविड-19 के कारण यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और बसों में 30 से ज्यादा सवारियों को नहीं बिठाया जाएगा जिस व्यक्ति का तापमान अधिक होगा उस व्यक्ति को बस में सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी इसके साथ ही बस में सवार यात्रियों का रिकॉर्ड भी दर्ज किया जाएगा।


जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि रोडवेज प्रबंधन के सामने रक्षाबंधन पर उमड़ने वाली भीड़ को गंतव्य तक पहुंचाने की चुनौती होगी क्योंकि करीब 645 बसों में रोडवेज की 245 और 105 अनुबंधित बसों को आरटीओ में सरेंडर किया जा चुका है ताकि इनका टैक्स जमा ना करना पड़े कार्यशाला में कुछ बस एक खराब कंडीशन पड़ी है रक्षाबंधन पर उमड़ने वाली भीड़ के लिए रोडवेज के पास करीब 250 बसों की ही व्यवस्था है ।

कोरोना वायरस ने भाई और बहन के इस त्यौहार के बीच में भी दूरी बनाने की कोशिश की है । लेकिन यह स्थिति बेहद नाजुक स्थिति है इसलिए परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए इस साल बहनों को निराश भी होना पड़ सकता है लेकिन यदि इस समय शूज बूट्स की तो आने वाला समय बेहद अच्छा होगा ।