एक तरफ नगर निगम आर्थिक तंगी का हवाला देकर लोगों की सहायता करने का दावा करता है और वहीं दूसरी ओर संपत्ति कर और विकास शुल्क जमा नहीं करता लोग इधर से उधर भटकते रह रहे हैं।
निगम कर्मचारी कहते हैं कि संपत्ति कर का डाटा ऑनलाइन होने के बाद ही संपत्ति कर जमा किया जाएगा हैरानी की बात यह है कि करीब 3 वर्ष पहले शुरू किया गया संपत्ति कर सर्वे अब तक पूरा नहीं हो पाया है नगर निगम संपत्ति का डाटा भी ऑनलाइन नहीं हो पाया है।
निगम के पास नहीं है संपत्ति का सही रिकॉर्ड
निगम के पास अभी तक संपत्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं है जिससे पता चल सके कि निगम क्षेत्र में वर्तमान में आवासीय तथा औद्योगिक कितनी संपत्ति है पुराने रिकॉर्ड के अनुसार अभी तक निगम क्षेत्र में करीब ढाई लाख संपत्ति पंजीकृत है पिछले वर्षों में शहर में कितनी संपत्ति बढ़ी है इसके लिए अब सर्वे चल रहा है। इन दिनों संपत्ति कर भरने के लिए 35% की छूट है लेकिन जो संपत्ति कर भरने में देरी करेगा उस पर ब्याज लगाया जाएगा।
आपको बताना चाहेंगे की जानकारी के मुताबिक 31 जुलाई तक यदि लोग अपना संपत्ति कर नहीं भरेंगे तो उन पर नगर निगम द्वारा ब्याज लगाया जाएगा लेकिन नगर निगम ने पब्लिक डीलिंग इस समय बंद कर रखी है और नगर निगम की वेबसाइट पर अभी तक संपत्ति कर का डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया है तो ऐसे में भला आम आदमी क्या करें जब लोग नगर निगम संपत्ति कर जमा कराने जाते हैं तो दफ्तर बंद देकर वापस लौट जाते हैं।
एक तरफ कोरोना महामारी के दौरान गरीबों की सहायता करने का दावा नगर निगम द्वारा किया जाता है और वहीं दूसरी ओर इस प्रकार की घटनाएं सामने आती है सिर्फ यही नहीं नगर निगम फरीदाबाद में घोटाले भी आए दिन देखने को मिलते हैं।