दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में अब नही लगेगा भारी ट्रैफिक, 90 करोड़ लगाकर बनाई जाएगी सड़कें ।

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दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में हमेशा से ही भारी ट्रैफिक की समस्या रही है, लेकिन दिल्ली की जनता को इस साल के अंत तक ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सकती है दरअसल, लाल किले से लेकर फतेहपुरी मस्जिद तक करीब 1.5 किलोमीटर की सड़क का सौंदर्यीकरण और पुनर्विकास किया जा रहा है |

बता दे की, गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चांदनी चौक इलाके में जायजा लेने के लिए पहुंचे थे दिल्ली सरकार के मुताबिक, ये काम नवंबर के महीने तक पूरा होने की संभावना अगर आप भी दिल्ली की एतिहासिक खूबसूरती निहारने के लिए चांदनी चौक जाना चाहते हैं।

दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में अब नही लगेगा भारी ट्रैफिक, 90 करोड़ लगाकर बनाई जाएगी सड़कें ।

तो बता दें कि अब आपको इसके लिए चार महीने और इंतज़ार करना पड़ सकता है। कोरोना काल में इसके पुनर्निर्माण का काम रुक गया था, जिसके कारण अब यह नवंबर के आसपास तैयार हो पाएगा।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, चांदनी चौक के मेन इलाक़े का पुनर्विकास किया जा रहा है इसे खूबसूरत बनाया जा रहा है ये एतिहासिक जगह है, पुरानी जगह है यहां की पुरानी शोभा को वापस लाया जा रहा है |

दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में अब नही लगेगा भारी ट्रैफिक, 90 करोड़ लगाकर बनाई जाएगी सड़कें ।

चांदनी चौक के पुनर्निर्माण का काम मई महीने तक ही पूरा कर लिया जाना था, लेकिन कोरोना काल में सभी तरह की निर्माण गतिविधियों पर रोक लग जाने के कारण इसमें देरी हो गई। इस कारण इसकी लागत भी 76 करोड़ रुपये से बढ़कर 90 करोड़ रुपये हो गई।

मेन बाज़ार में होगी वाहनों पर पाबंदी

काम पूरा हो जाने के बाद ट्रैफिक कैसे चलेगा इस बात की जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक ये Non Motorised Vehicle Area रहेगा उम्मीद है कि नवंबर के पहले हफ़्ते से यह शुरू हो जायेगा वैसे इसकी शुरुआत मई में होनी थी, लेकिन कोरोनावायरस के कारण काम में देरी हुई है | इसके साथ ही चांदनी चौक के Non Motorised Vehicle Area में वाहन ले जाने पर 50 हज़ार का जुर्माना भी तय किया गया है |

बता दें कि इस पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण के काम में करीब 65 करोड़ रुपए खर्च होने थे, लेकिन अब यह लागत बढ़कर करीब 90 करोड़ तक पहुंच चुकी है फिलहाल, दिल्ली के लोगों को अब सब सामान्य होने का इंतजार हैं, ताकि वे फिर से शॉपिंग कर सकें और चांदनी चौक के लोगों को फिर से बाजार की रौनक वापस आने का इंतजार है |

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चांदनी चौक को अंग्रेजों के जमाने का एतिहासिक बाजार माना जाता है, इसे पुनर्निर्मित कर उसी खूबसूरती को उकेरने की कोशिश की जा रही है। इसका पुराना सौंदर्य लौटाने के लिए जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है, उसे भी तोड़कर उसका असली स्वरूप दिया जा रहा है, ताकि देसी-विदेशी पर्यटकों को चांदनी चौक की उसी खूबसूरती का एहसास कराया जा सके, जिसके लिए यह जाना जाता था।

पर्यटकों के लिए एक सुनेहरा मौका

पर्यटकों को बिना किसी बाधा के घूमने-फिरने का आनंद देने के लिए यहां सुबह नौ बजे से लेकर रात नौ बजे तक किसी भी प्रकार के वाहनों के आने-जाने पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। लोगों को यहां आने-जाने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन का सहारा लेना पड़ेगा। बाजार के अंदर आने-जाने के लिए निश्चित दूरी तक ई-वाहन उपलब्ध रहेंगे और इसके सहारे बच्चे और बूढ़े बाज़ार तक पहुंच सकेंगे।

दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में अब नही लगेगा भारी ट्रैफिक, 90 करोड़ लगाकर बनाई जाएगी सड़कें ।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया की यहां के व्यापारियों और अन्य लोगों से मिलकर उनकी राय भी लिया कि चांदनी चौक को खूबसूरती देने के लिए और क्या किया जा सकता है। लोगों ने दिल्ली को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार को अनेक सुझाव दिए हैं।

यहां न हो तोड़फोड़

वहीं, दिल्ली भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि चांदनी चौक को पुरानी खूबसूरती देना बहुत अच्छा कार्य है, लेकिन सरकार को यह करते हुए कुछ उन जगहों से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए जिनसे लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं।

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इसके आलावा बाजार के नजदीक तक पहुंचने के लिए वाहनों पर भी प्रतिबंध भी नहीं लगाया जाना चाहिए, जिससे यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों की आवाजाही बनी रहे। अगर सरकार वाहनों पर प्रतिबंध लगाती है, तो लोग यहां से दूरी बना सकते हैं। इससे चांदनी चौक के पुनर्निर्माण का असली उद्देश्य खत्म हो सकता है।

उच्चतम न्यायालय द्वारा वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद से इस परियोजना का काम धीमी गति से चल रहा था। वहीं कोरोनावायरस महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा के बाद काम पूरी तरह से रुक गया था। अधिकारियों ने कहा कि निर्माण कार्य मई में फिर से शुरू हुआ लेकिन श्रमिकों के गृहनगर चले जाने के कारण काम की गति नहीं बढ़ पा रही है।

Written by- Prashant K Sonni