फरीदाबाद : जिला प्रशासन फरीदाबाद द्वारा दिए जा रहे नियमों की अवहेलना केवल शहरों में ही नहीं बल्कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रही है। प्रशासनिक प्रतिबंध के बावजूद छांयसा गांव स्थित यमुना घाट पर अवैध रूप से नाव चलाई जा रही है ।
जब मामले की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि नाव चलाने वालों के पास ना तो किसी प्रकार की मंजूरी और ना ही प्रशिक्षित ट्रेनर है। यदि किसी दिन कोई दुर्घटना हुई तो ऐसे में कौन जिम्मेदार होगा ।
नाव में सवारियों की बात करें तो अक्सर लोग इस नाव में बैठकर यूपी से आना-जाना करते हैं बल्लभगढ़ पंचायत समिति के क्षेत्र में मंझावली शाहपुरा खादर और छांयसा घाट पढ़ते हैं । इन घाटों के हर वर्ष पंचायत समिति 1 वर्ष के लिए पट्टे पर छोड़ती है।
पिछले साल भी जब इस क्षेत्र में नाव चलाने की ठेकेदारी के लिए कहा गया तो कोई भी नाव चलाने वाला ठेकेदार बोली लगाने के लिए नहीं आया । जिसकी वजह से घाट पट्टे पर नहीं छोड़े जा सके । इस वजह से सरकारी खजाने को भी लाखों रुपयों का चूना लग रहा है।
घाटों के गांव की पंचायत और ठेकेदार सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से घाटों पर नाव चला करा हजारों रुपए लोगों से नांव से पार उतारने चढ़ाने का किराया वसूल कर रहे हैं ।
इससे पहले भी कई दर्दनाक घटनाएं सामने आ चुकी हैं जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि नाव में ज्यादा सवारियां बैठाने के कारण 14 जून 1996 को मोना घाट पर नाव पलट गई थी इस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई थी इस तरह से 4 जुलाई 2005 में भी छांयसा घाट पर नाव पलटने से 4 लोगों की मौत हुई।
यमुना घाट का ठेका छोड़ने के लिए एक बार फिर से 27 जुलाई को बोली लगाई जाएगी लेकिन इस बार भी कोई आशा नहीं दिखाई दे रही कि कोई व्यक्ति इस ठेके को उठाएगा ऐसे में अवैध रूप से चल रही इन नावों पर रोक लगाना अनिवार्य है । अब देखना यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन द्वारा कब सख्ती देखने को मिलेगी ।