खुशखबरी : ईएसआईसी कॉलेज में प्लाज़्मा बैंक बनकर हुआ तैयार

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फरीदाबाद शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। कोरोना संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए दिल्ली के बाद फरीदाबाद में भी प्लाज्मा बैंक शुरू हो रहा है। आईएस आई सी करीब 30 यूनिट वाला यह प्लाज्मा बैंक में मरीजो को दिया जा चुका है

यह प्रदेश का पहला प्लाज्मा बैंक है । इसके लिए कोविड-19 के लिए बनाए गए ईएसआई सी मेडिकल कॉलेज ने प्लाज़्मा बैंक बनकर तैयार कर दिया गया है । प्लाज्मा बैंक का औपचारिक रुप से उद्घाटन होना अभी बाकी है

माना जा रहा है इस प्लाज्मा बैंक के शुरू होने के बाद कोरोना संक्रमितों को बचाने में काफी मदद मिलेगी। इस बैंक में वे लेाग प्लाज्मा डोनेट कर सकेंगे जो कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ हो चुके हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों से संपर्क कर प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित करेगा।

डॉक्टरों का कहना है कि प्लाज्मा डोनेट करने से व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। बल्कि संक्रमित का इलाज करने में आसानी होगी। डॉक्टरों के अनुसार आईसीएमआर की मंजूरी के बाद अभी तक चार मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया जा चुका है। इलाज के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। मरीज जल्द ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।

इस बैंक में प्लाज्मा को एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा

ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. असीमदास के अनुसार प्रदेश का पहला प्लाज्मा बैंक शुरू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उम्मीद है एक-दो दिन में इसे शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया इस बैंक में प्लाज्मा को एक साल तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।

यह प्लाज्मा बैंक प्रदेश का पहला है। उन्होंने बताया प्लाज्मा थेरेपी से अभी तक चार मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इनके परिणाम सार्थक आए हैं। अभी दो और मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

जो ठीक हो गए उन्हें प्लाज्मा डोनेट को किया जाएगा प्रेरित

ईएसआईसी कॉलेज के डीन डॉ असीम दास ने बताया हमारे यहां प्लाज़्मा बैंक पूरी तरह तैयार हैं उन्होंने बताया कि फिलहाल हम रेडक्रॉस के माध्यम से खुद भी कोरोनावायरस होने वाले मरीजों से इस बैंक में प्लाज्मा डोनेट करने के लिए हम लोग उन लोगों से संपर्क कर उन्हें प्रेरित करेंगे

जो कोरोना से जंग जीतकर अपने घर जा चुके हैं। उनका कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने पर प्लाज्मा से संक्रमितों में एंटी बॉडी बनती है। डॉ. असीम दास के अनुसार कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर में वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी बन जाती है।