फरीदाबाद नगर निगम में करें आवदेन : कोरोना महामारी की मार यूँ तो सभी पर हैं, लेकिन गरीबों के लिए यह बदुआ समान बनके आयी है। केंद्रीय सरकार गरीबों के लिए बहुत से कार्य कर रही हैं उनमें से एक है राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन इसके तहत चाय का खोखा लगाने वाले, पटरी पर फल – सब्जी बेचने वाले या फिर अन्य कोई छोटा – मोटा काम कर रहे लोगों को 2 लाख रूपए तक का ऋण मिल सकता है | बस शर्त है कि आवेदक की वार्षिक आय दो लाख रूपए से कम हो |
सरकारें तो खूब आयी है, लेकिन गरीबों के लिए किसी ने कार्य नहीं किया | मोदी सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन सरकारी अधिकारी गरीबों को मिलने वाला पैसा खा जाते हैं।
इस योजना का लक्ष्य शहरी गरीब परिवारों कि गरीबी और जोखिम को कम करने के लिए उन्हें लाभकारी स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसर का उपयोग करने में सक्षम करना, जिसके परिणामस्वरूप मजबूत जमीनी स्तर के निर्माण से उनकी आजीविका में स्थायी आधार पर सराहनीय सुधार हो सके।
गरीबों के लिए योजनाएं तो अनेकों हैं, लेकिन समस्या है कि उनको पता नहीं चलता | जिनको पता चलता है वे नकली कागजात बनाके गरीबों का हक़ लेने आजाते हैं | जिसको ऋण की आवश्यकता है उसको नगर निगम मुख्यालय आकर शहरी परियोजना अधिकारी से संपर्क करना होगा |
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिनांक 23 सितंबर, 2013 को मौजूदा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) के स्थान पर राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) आरंभ किया था।
सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक इस योजना की कवरेज ,12वीं पंचवर्षीय योजना में एनयूएलएम का कार्यान्वयन सभी जिला मुख्यालय कस्बों (आबादी पर ध्यान दिये बिना) और वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार एक लाख और इससे अधिक आबादी वाले अन्य कस्बों में किया जाएगा।
वर्तमान में एनयूएलएम के मामलों के अंतर्गत 790 शहर शामिल हैं | तथापि, आपवादिक मामलों में अन्य कस्बों को राज्यों के अनुरोध पर अनुमति दी जाएगी |