शुक्रवार को गुड़गांव में बिजली निगम के उच्च स्तर के अधिकारियों की मीटिंग आयोजित की गई। मीटिंग में फरीदाबाद सर्कल के एसई नरेश कुमार कक्कड़, ग्रेटर फरीदाबाद एक्सईएन विकास मोर, खेड़ी कला सबडिवीजन विकास मलिक आदि अधिकारी ने भी शिरकत की।
मीटिंग में फरीदाबाद के सभी अधिकारियों को फटकार लगाई गई। इतना ही नहीं उनसे सवाल जवाब पूछे गए कि 6 सालों तक आखिर ऐसा कैसे होता रहा। इस बाबत नगर निगम के चीफ इंजीनियर के.सी अग्रवाल ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।
आपको बताते चलें हिसार मंडल कार्यालय के अधिकारी 6 साल से चालू 11 की लाइन का लोड जांचने में जुटे हुए हैं। बिजली निगम के पूर्व के कई अधिकारियों की मिलीभगत से यह पूरे मामला हुआ था। अधिकारियों को शुक्रवार को इस मामले को लेकर गुड़गांव में चली कई घंटे तक मीटिंग चली।
फरीदाबाद से ग्रेटर नोएडा के फार्म हाउस को अवैध रूप से दी जा रही बिजली सप्लाई मामले में लाइनमैन, जेई, एसडीओ, एक्स ई एन और ठेकेदारों सभी पर कार्यवाही होगी।
इसमें वर्तमान और पूर्व के कर्मचारी अधिकारियों के साथ ठेकेदार भी शामिल थे। इसके साथ यमुना पर ग्रेटर नोएडा और हरियाणा के फॉर्म हाउस के संचालकों पर भी एक्शन होगा। इस मामले में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारी जिम्मेदारों की लिस्ट फाइनल कर चुके हैं।
66 केवी पावर हाउस से यमुना को पिछले 6 सालों से दी जा रही अवैध रूप से बिजली सप्लाई के मामले में हिसार मंडल कार्यालय की टीम ने लोड का किलो वाट और किलो वाट से यूनिट से बिजली बनाने में जुटी हुई थी।
पिछले 6 सालों से अवैध रूप से दी जा रही बिजली में एक निश्चित अमाउंट बना हुआ था। जो बिजली निगम के अनुसार कई करोड़ों के बिजली के बिल होने की बात सामने आ रही है। अब इस रकम को वसूलने के लिए वर्तमान के पूर्व संबंधित लाइनमैन, जेई, कैसियर एसडीओ और ठेकेदारों को नोटिस भेजकर वसूली की जाएगी।
यह सोचने वाली बात यह है कि कि सरकार उम्मीद और भरोसे के साथ काबिल के अनुसार व्यक्ति को छोड़कर उच्च स्तर पोस्ट पर नियुक्त करती है। यही अधिकारी अपने औधे का गलत इस्तेमाल करते हुए सरकार को भी चूना लगाने में जुट भी आते हैं। अगर सरकार द्वारा चुनिंदा अधिकारी ही सरकार द्वारा चलाए गए अभियानों को पलीता लगाते रहेंगे तो ऐसे में इन अधिकारियों से आमजन की सेवा की उम्मीद क्या रखी जा सकती है।