सरकारी स्कूलों में अध्यापक सैलरी तो लाखों में लेते हैं, लेकिन पढाई 2 हजार वाली भी नहीं करवाते | ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन (आईपा) कोर कमेटी की ऑनलाइन जूम मीटिंग फरीदाबाद में आयोजित की गई जिसमें सरकारी शिक्षा में सुधार कराने व शिक्षा के व्यवसायीकरण पर रोक लगवाने को लेकर चर्चा की गई और एक ग्यारह सूत्री एजेंडा/मांगपत्र बनाकर केंद्र सरकार को भेजकर उस पर कार्रवाई करने की मांग की है | मीटिंग की अध्यक्षता आर वेंकट रेड्डी ने की |
भारत को यदि हम नंबर 1 बनाना चाहते हैं, तो शिक्षकों को निष्पक्ष होकर पैसों को लिए न पढ़ाकर देश के लिए पढ़ाना होगा | मीटिंग में आईपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल, महासचिव कैलाश शर्मा, नलिनी जुनेजा, सुधा झा, अभिषेक रंजन, कुमार उत्कर्ष ने भाग लेकर अपने विचार प्रकट किए |
अगर शिक्षक चाहे तो किसी भी सरकारी स्कूल को निजी स्कूल बना सकता है, और किसी भी निजी स्कूल को सरकारी बना सकता है | मीटिंग में तय किया गया कि एजेंट व मांग पत्र पर कार्रवाई कराने के लिए जोर शोर से कार्य करना होगा | इसके साथ ही पूरे देश में राज्य से लेकर जिला व तहसील स्तर तक आईपा की टीम बनाने के लिए 5 जोन नॉर्थ, साउथ, ईस्ट, वेस्ट व नॉर्थ ईस्ट बनाकर कोर कमेटी के पांच पदाधिकारियों को कजोन संयोजक बनाया गया |
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का स्तर इतना गिरा हुआ है कि, गरीब बच्चों को मिलने वाला मिड – डे खाना वह अपने बच्चों को खिलाने के लिए अपने घर ले जाते हैं | राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया है कि निम्न 11 सूत्री एजेंडा व मांगपत्र तय किया गया है जिसे मीडिया के द्वारा आम जनता की जानकारी में |
आईपा की टीम ने मांग रखी है कि देश के सभी सरकारी स्कूलों को केंद्रीय विद्यालय संगठन के समान बनाया जाए | सभी स्कूली बच्चों को गुणात्मक मिड डे मील की सुविधा सुनिश्चित की जाए|
केंद्रीय सरकार को देश भर के सभी निजी स्कूलों के लिए वैधानिक फीस विनियमन कानून बनाना चाहिए और स्कूल की मैनेजमेंट में 50% भागीदारी अभिभावकों की होनी चाहिए 4, भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा हर साल स्कूलों के आय व व्यय की जांच व ऑडिट कराया जाए|