फरीदाबाद: रक्तदान जीवनदान के समान है। समय-समय पर लोगों को रक्तदान शिविर लगाकर रक्तदान करने के लिए जागरूक किया जाता है। स्वस्थ लोगों द्वारा किए गए रक्तदान से कई ऐसे लोगों को बचाया जा सकता है जिन्हें रक्त की जरूरत होती है।
लेकिन फिलहाल खबर आ रही है हरियाणा विधानसभा के शिक्षा और स्वास्थ्य कमेटी ने यह तय किया है कि अब से ब्लड ग्रुप के साथ-साथ एंटीबॉडी की भी जांच करवाना अनिवार्य होगा।
कमेटी ने रक्तदान के लिए कौन-कौन से नए नियम लागू किए गए?
- अगर आप कभी रक्तदान करने के लिए रक्तदान शिविर गए होंगे तो आपको पता होगा कि वहां पर रक्तदान करने से पहले ब्लड ग्रुप, हीमोग्लोबिन और बीपी की जांच की जाती है।
- लेकिन हरियाणा विधानसभा की शिक्षा और स्वास्थ्य कमेटी द्वारा रक्तदान करने वालों के लिए कुछ नए नियम जोड़े गए हैं।
- विधानसभा कमेटी ने यह तय किया है कि अब रक्तदान करने वाले लोगों को ब्लड ग्रुप बीपी हिमोग्लोबिन के साथ-साथ एंटीबॉडी इसकी जांच भी करवाना अनिवार्य होगा।
क्या होती है एंटीबॉडी क्या होता है एंटीबॉडी टेस्ट?
अगर आपको एंटीबॉडी इसका मतलब नहीं पता तो आपको बता दें कि जब हमारे शरीर में कोई वायरस जाता है तो इम्युन सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है और यह वायरस या इंफेक्शन को रोकने की प्रक्रिया शुरू कर देता है। एंटीबॉडीज उस वायरस के इंफेक्शन को रोकने का काम करते हैं।
- एंटीबॉडीज टेस्ट के लिए व्यक्ति का खून निकाल कर सबसे पहले उसका सीरम और प्लाज्मा अलग अलग किया जाता है।
- उसके बाद मरीज के प्लाज्मा को कोरोना वायरस के संपर्क में लाया जाता है ताकि देखा जा सके कि इसमें वायरस के प्रति एंटी-बॉडी बनी है या नहीं।
- अगर व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसके शरीर में एंटी-बॉडी होती है और ये टेस्ट के दौरान कोरोना वायरस से चिपक जाएंगी।
विधानसभा कमेटी के इन सुझावों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान करने वालों के लिए एंटीबॉडीज की जांच की तैयारियां शुरू कर दी है। इस कमेटी की चेयरमैन व बड़खल विधानसभा से भाजपा विधायक सीमा त्रिखा ने बैठक के दौरान अधिकारियों को एंटीबॉडीज टेस्ट का सुझाव दिया। यह टेस्ट एंटीजन रैपिड टेस्ट की तरह ही एक रैपिड टेस्ट होगा जिसकी रिपोर्ट मात्र 15 से 20 मिनट में आ जाएगी।
Written by- Vikas Singh