फरीदाबाद : काम हुआ न आने का, भैया ने बिल बनाया करोड़ों का

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काम हुआ न आने का, भैया ने बिल बनाया करोड़ों का : फरीदाबाद शहर अब नगर निगम के अधिकारीयों का शहर बन रहा है | जैसा वहां के अधिकारी चाहते हैं, वैसा ही होता है | नगर निगम के विभिन्न वार्डों में बगैर काम कराए ठेकेदार को 50 करोड़ का भुगतान करने के मामले को लेकर सोमवार को पार्षदों ने चीफ इंजीनियर और अकाउंट ऑफिसर को ज्ञापन देकर भुगतान संबंधी जानकारी मांगी है |

50 करोड़ यूँ ही ठेकेदारों को देना बहुत ही बड़ी मिलीभगत लगती है | नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारी भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी बनते जा रहे हैं | इस पूरे मामले की विजिलेंस जांच कराने की भी मांग की है | गत दिनों नगर निगम में घोटालों की बरसात हुई है | काम हुआ न आने का |

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पार्षद आज अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं | लेकिन यह लोग भी कम नहीं होते सेटिंग तो यही लोग करवाते हैं | सोमवार को पार्षद दीपक यादव, महेंद्र सरपंच, दीपक चौधरी, सुरेंद्र अग्रवाल निगम कार्यालय पहुंचे और चीफ इंजीनियर टीएल शर्मा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपकर ठेकेदार को किए गए 50 करोड़ रुपए के भुगतान की डिटेल मांगी है |

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फरीदाबाद शहर की छवि बहुत प्यारी होती यदि निगम के अधिकारीयों ने ईमानदारी से काम किया होता | पार्षद दीपक चौधरी ने 50 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए निगम कमिश्नर डॉ. यश गर्ग से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके वार्ड में कोई काम नहीं हुआ फिर भी ठेकेदार को भुगतान दिखाया गया है |

फरीदाबाद : काम हुआ न आने का, भैया ने बिल बनाया करोड़ों का

गरीबों के पेटों का निकाल के अधिकारी अपने पेटों में डाल रहे हैं | अकाउंट विभाग ने पार्षदों को तीन मदों में किए गए भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराई है। इन मदों में जनरल फंड, सीएफसी फंड और एमसीएम फंड से भुगतान करने की बात कही गई है | लेकिन पार्षदों का आरोप है कि निगम अधिकारियों ने पार्षदों को भ्रमित करने का प्रयास किया है। उधर चीफ इंजीनियर टीएल शर्मा का कहना है कि खर्च की गई राशि की जानकारी पार्षदों को उपलब्ध करा दी जाएगी |