एक बार फिर पुलिस की लापरवाही आई सामने, तीन तलाक पीड़िता को नहीं दिलवाया इंसाफ

0
278

तीन तलाक कानून पारित होने के बाद इस मामले को काफी गंभीरता से लेने का निर्देश है। इसके बावजूद नवगछिया स्थित खरीक थाने में बड़ी लापरवाही सामने आई है।

यहां ध्रुवगंज निवासी तैयबा खातून ने दो मई को अपने पति अहद अंसारी के खिलाफ तीन तलाक देने, दहेज प्रताड़ना, मारपीट और घर में जबरन बंद करने आदि का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।

एक बार फिर पुलिस की लापरवाही आई सामने, तीन तलाक पीड़िता को नहीं दिलवाया इंसाफ

आपको बता दे की मामले में तत्कालीन थानेदार श्यामानंद मिश्रा ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा तीन व चार लगाई ही नहीं।

इस कारण पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर रही थी। पीड़िता न्याय की आस में भटक रही है। तीन तलाक से संबंधित धारा नहीं जोड़े जाने की शिकायत स्वजनों ने नवगछिया के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रवेंद्र भारती से की गयी है |

एक बार फिर पुलिस की लापरवाही आई सामने, तीन तलाक पीड़िता को नहीं दिलवाया इंसाफ

पर्यवेक्षण में पकड़ी गई गड़बड़ी

दो मई 2020 को इस मामले में खरीक थाने में केस दर्ज कराया था। इसमें उसने पति, दो ननद, दो देवर, ससुर और सास को आरोपित बनाया है। कार्रवाई के नाम पर पुलिस ने एक इंच भी अपना कदम नहीं बढ़ाया। पीड़िता व उनके स्वजनों ने कार्रवाई को लेकर तत्कालीन एसपी निधि रानी और महिला आयोग तक को पत्र लिखा।

फिर भी स्थिति जस की तस है। पीड़िता के भाई के मुताबिक उन लोगों पर सामाजिक स्तर से केस मैनेज करने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में वे लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं उसकी बहन भी काफी डरी हुई है।

एक बार फिर पुलिस की लापरवाही आई सामने, तीन तलाक पीड़िता को नहीं दिलवाया इंसाफ

शादी को हो गये तीन साल

एसडीपीओ ने पर्यवेक्षण के दौरान गड़बड़ी पकड़ी है । उन्होंने केस का पर्यवेक्षण किया। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में तीन तलाक से संबंधित धाराएं नहीं जोड़ी गई थीं। पर्यवेक्षण के दौरान उसे जोड़ा गया। साथ ही अन्य जो भी जरूरी धाराएं थीं, उसे भी जोड़कर थानेदार को आरोपितों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है।

आरोपित बना रहे है पीड़िता पर दबाव. पीड़िता के मुताबिक उसकी शादी 21 सितंबर 2017 को हुई थी। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक रहा। 2020 में उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। ससुराल वालों ने 50 हजार रुपये मायके से लाने के लिए कहा। असमर्थता जताने पर पति ने मारपीट की। घर में बंद कर दिया। सास के कहने पर तीन तलाक दे दिया।

जांचकर्ता का हुआ तबादला

एक बार फिर पुलिस की लापरवाही आई सामने, तीन तलाक पीड़िता को नहीं दिलवाया इंसाफ

खरीक थानेदार पंकज कुमार के मुताबिक केस की जांच एएसआइ विजय शंकर कर रहे थे। उनका तबादला हो गया है। अब तक उन्होंने केस का प्रभार नहीं दिया है।अन्यथा झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कह रहा है।तीन साल पहले हुई थी महिला की शादीवर्ष 2017 में मिर्जाफरी निवासी महिला की शादी ध्रुवगंज में हुई थी।

आवेदन में कहा है कि शादी के बाद से अतिरिक्त दहेज लाने के लिए महिला को प्रताड़ित किया जाने लगा। जब तक पिता जीवित रहे, वे किसी तरह मांगों को पूरा करते रहे। किंतु अब मायके वाले देने में असमर्थ हैं। इस कारण तलाक दे दिया गया है।

Written by- Prashant K Sonni