फरीदाबाद: अंबाला के लोगों ने फ्रांस से आए हुए रफेल का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कल बुधवार 3:10 पर 5 सुपरसोनिक राफेल ने अंबाला में सुरक्षित लैंडिंग की।
इस मौके पर अंबाला में बैनर भी लगाए गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि रफेल जैसे सुपर सोनिक फाइटर प्लेंस के आने से भारतीय वायु सेना की शक्ति दोगुनी गई हो गई है।
राफेल को फ्रांस से अंबाला तक लाने वाली फिल्में हरियाणा की मिलेनियल सिटी गुरुग्राम के रोहित कटारिया भी शामिल थे। सभी जानते हैं पलट रोहित कटारिया के बारे में।
राफेल लेकर अंबाला पहुंचने पर ग्रुप कैप्टन बने रोहित
रोहित कटारिया गुरुग्राम के सेक्टर-56 के देवेंद्र विहार के निवासी हैं। जब रफेल के भारत आने की गाथा इतिहास के पन्नों में लिखी गई तो ग्राम के रोहित कटारिया का नाम भी उसमें शामिल था।
उनके पिता कर्नल सतबीर सिंह साल 2012 में कपूरथला स्थित सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल पद से सेवानिवृत्त हुए थे। माता राजमति गणित की अध्यापिका पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। इसके साथ-साथ उनकी छोटी बहन एक डेंटल सर्जन है। उनकी और उनकी बहन रितिका की शादी पड़ा सैनिक स्कूल से हुई। 12वीं कक्षा पास करने के बाद रोहित कटारिया ने एनडीए नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वाइन की।
नेशनल डिफेंस एकेडमी में रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। रोहित को हर तरह के लड़ाकू विमान जैसे सुखोई, मिराज, तेजस, मिग-21, जगुआर उड़ाने का अनुभव है। रफेल को फ्रांस से अंबाला तक लाने के लिए उन्होंने डेढ़ साल तक पैरिस में इस की ट्रेनिंग ली।
सुपर सोनिक फाइटर राफेल के अंबाला पहुंचते ही फाइटर रोहित कटारिया को ग्रुप कैप्टन की कमान सौंप दी गई। उन्हें यही कमान 3 महीने पहले भी सौंपी गई थी लेकिन भारत से बाहर बारिश में होने के कारण यह जिम्मेदारी नहीं संभाल पाए।
सुपर सोनिक राफेल को फ्रांस से अंबाला जाकर रोहित ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरा देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि उनकी बहन ने आर्मी कॉलेज आफ डेंटल साइंस से अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है।
अंबाला एयर बेस पर राफेल की सुरक्षित लैंडिंग करवा कर मैं परिवार से मिलने के लिए अपनी बहन के घर ग्वालियर गए। भविष्य में जल्दी राफेल की भारत लैंडिंग की बात आएगी तो अवश्य ही इसमें रोहित कटारिया का नाम लिया जाएगा।
Written by- Vikas Singh