अपने सपनों को पूरा करने का जोश यदि इंसान के दिल में हो तो कोई भी चीज़ उसे रोक नहीं सकती | शहर बड़ा हो या छोटा सफलता पाने के लिए बस हौसले बड़े होने चाहिए | गायक सोनू निगम का जन्म 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था |
सोनू का रुझान बचपन से ही संगीत की ओर था | उनको यह हुनर पिता से मिला | आज सोनू की गिनती भले ही बॉलीवुड के बड़े गायकों में होती है लेकिन एक वक्त ऐसा था जब वो शादियों में गाया करते थे | सोनू के जन्मदिन पर चलिए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें |
इंसान की सफलता का कारण उसकी जिद्द और उसका हौसला बनता है | चार साल की उम्र से सोनू अपने पिता अगम निगम के साथ स्टेज शोज, पार्टियों और शादियों में गाना गाने लगे थे। | सोनू के पिता भी अच्छे गायकों में शुमार थे। सोनू निगम दिग्गज गायक मोहम्मद रफी से बहुत प्रभावित हैं|
सफलता की राह तक पहुंचने के लिए अपने काम से शर्मिंदगी नहीं करनी चाहिए | सोनू ने कभी भी शादियों में गाने में असहज महसूस नहीं किया | शुरुआती दिनों में वो रफी के गाने ही स्टेज पर गाया करते थे | 18 साल की उम्र में सोनू निगम के पिता अपने बेटे को लेकर मुंबई पहुंचे। जहां वो बॉलीवुड सिंगिंग करियर को आगे बढ़ाने में जुट गए |
इंसान की कामयाबी के पीछे उसका परिवार ही होता है | सोनू की सफलता का कारण उनकी मेहनत तो है ही साथ में उनके पिता का साथ देना भी है | सोनू निगम ने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से संगीत का प्रशिक्षण लिया | हालांकि मुंबई पहुंचने के बाद सोनू निगम का सफर इतना भी आसान नहीं था। पैसे कमाने के लिए वो लगातार स्टेज शोज करते रहे | सिंगिंग रियलिटी शो ‘सारेगामा’ को होस्ट करके सोनू निगम को बड़ी पहचान मिली | 1995 में यह शो प्रसारित हुआ | इसी बीच वो टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से मिले |
हर किसी की कहानी में एक हीरो होता है, सोनू निगम के की कहानी में वो हीरो गुलशन कुमार निकले | गुलशन कुमार ने सोनू को फिल्म ‘बेवफा सनम’ में गाने का मौका दिया | फिल्म में उनका गाया गाना ‘अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का’ सुपरहिट रहा | इसके बाद सोनू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा |फिल्म ‘मुकाबला’, ‘शबनम’, ‘आग’, ‘हलचल’ से सोनू निगम को बॉलीवुड में पहचान मिली। 1997 में आई फिल्म ‘बॉर्डर’ में उनका गाया गाना ‘संदेसे आते हैं’ सुपरहिट हुआ था। यह वो गाना था जिसने उन्हें पूरे देश का चहेता बना दिया |