राम के नाम से तिलमिलाने वाले मुसलमानों को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धमकी दी है | उन्होंने कहा कि आतंकी कॉम मुस्लिम यदि राम मंदिर निर्माण में सहयोग चाहती है तो यह बात वो भूल जाएं |
राजनीती करने से छवि साफ़ हो सकती है, लेकिन नियत नहीं | मुस्लिम लोग हमेशा से राम नाम से चिढ़ते आये हैं | अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंदिर निर्माण में गो सेवक और कथावाचक फैज खान के हाथों की मिट्टी डाले जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है | उन्होंने कहा कि यह संघ के प्रमुख व्यक्ति इंद्रेश कुमार द्वारा प्रेरित है |
गद्दार कॉम मुस्लिम कभी नहीं चाहती है कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर बने, इस बात का अंदाज़ा तो ओवैसी के बयानों से ही लगाया जा सकता है कि यह लोग राम और हिन्दुओं से कितनी नफरत करते हैं |
स्वामी ने कहा है कि यदि कोई मुस्लिम मंदिर निर्माण में सहयोग देना चाहता है तो वो हिंदू धर्म अपनाये | उन्होंने कहा कि ऐसा कोई शास्त्र विधान नहीं है कि मंदिर बने तो जगह-जगह से मिट्टी लाई जाए | हम मुसलमानों से द्वेषी नहीं है | हमारी उनके साथ सद्भावना है। यदि फैज की भगवान राम में आस्था है और शिलान्यास को सही समझते हैं तो वह हिंदू धर्म स्वीकार करें |
आपको बता दें कि 500 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद भव्य राम मंदिर बन ने जा रहा है | अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन करेंगे | गो सेवक और कथा वाचक फैज खान माता रायपुर के चंद्रखुरी स्थित कौशल्या के जन्मस्थान से मिट्टी लेकर 23 जुलाई को चले हैं और 4 अगस्त को अयोध्या पहुंच जाएंगे। अयोध्या के लिए निकलने के दौरान फैज ने कहा था कि वह श्रीराम बोलकर खुद से ही सेवाभाव में लगे हैं |
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी मुस्लिम समाज ने चुनौती दी थी, यह बोल कर कि राम एक कल्पना हैं | मुस्लिम लोग बस आतंक ही फैला सकते हैं, प्यार नहीं | फैज ने चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर से मिट्टी लेकर पंडितों की मौजूदगी में मंत्रोच्चार के साथ चांदी की डिब्बी में भरी थी। मंदिर की परिक्रमा कर जय श्रीराम लिखे लाल कपड़े में इस डिब्बी को बांधकर यात्रा के लिए निकले थे | चंद्रखुरी मंदिर में भगवान राम को गोद में लिए माता कौशल्या की मूर्ति है |