32 बार हुए फेल, कोरोना के चक्कर में 33वीं बार में 10वीं क्लास में हुए प्रमोट

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32 बार हुए फेल : एक तरफ जहां महामारी कोरोना ने शिक्षा को बंद सा कर दिया है, वहीँ दूसरी तरफ ऐसे विद्यार्थी भी हैं जिनको कोरोना वायरस ईश्वर के समान लग रहा है | महामारी के इस दौर में जहां कुछ विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे पाने से उदास हैं, वहीँ कुछ की लोटरी लग गयी है | लगातार 33 साल से 10वीं की परीक्षा दे रहे मोहम्मद नूरुद्दीन इस बार पास हो गए हैं |

कोरोना वायरस इंसान को आत्मनिर्भर बन न तो सिखा ही रहा है, साथ में खुद पर भरोसा करना भी सिखा रहा है | जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए, क्योंकि वक्त खुद-ब-खुद हर मुश्किल का हल हमारे सामने लाकर रख देता है | यह सीख हैदराबाद के मोहम्मद नूरुद्दीन नाम के शख्स ने अनजाने में दी है |

32 बार हुए फेल, कोरोना के चक्कर में 33वीं बार में 10वीं क्लास में हुए प्रमोट

नूरुद्दीन के लिए कोरोना वायरस खुदा के समान निकला है | मेहनत करने से सफलता तो जरूर मिलती है, लेकिन महामारी आने से डीग्री मिलती है | क्योंकि आपको जानकर हैरानी होगी कि नूरुद्दीन ने 33 साल बाद 10वीं की परीक्षा में पास की है | ऐसा होने के पीछे कोरोना संकट सबसे बड़ी वजह है | इन दिनों कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में हालात खराब हैं | संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है और लॉकडाउन के कारण स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं |

32 बार हुए फेल, कोरोना के चक्कर में 33वीं बार में 10वीं क्लास में हुए प्रमोट

महामारी ने जिस प्रकार अपना प्रकोप दिखाया है वह वाकई चिंताजनक है | लेकिन नूरुद्दीन जैसे विद्यार्थिओं के लिए कोरोना जेहेर नहीं अमृत समान है | अनलॉक-3 शुरू होने के बावजूद शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है | विभिन्न कक्षाओं की परीक्षाओं पर भी इसका असर पड़ा है | यही वजह रही कि सरकार ने सभी छात्रों को बिना परीक्षा दिए दसवीं में पास करने का फैसला लिया | इसी फैसले का असर नूरुद्दीन पर पड़ा है, जिसकी वजह से वह इतने सालों बाद पास हो सके |

32 बार हुए फेल, कोरोना के चक्कर में 33वीं बार में 10वीं क्लास में हुए प्रमोट

धैर्य और संयम रख के इंसान सबकुछ प्राप्त कर सकता है | नूरुद्दीन का धैर्य कोरोना ने सफल बनाया है | 51 वर्षीय मोहम्मद नूरुद्दीन ने 33 वर्ष के बाद कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की है | वे कहते हैं कि मैं 1987 से परीक्षा दे रहा हूं, परंतु मैं अंग्रेजी में कमजोर हूं, इसलिए मैं पास नहीं हो पाया था। मैंने इस साल परीक्षा पास कर ली है क्योंकि सरकार ने कोविड19 के कारण छूट दी है |