नारकीय जीवन जी रहे वार्ड -5 के आमजन की बदहाली बयां करती यह तस्वीरें

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नगर निगम के वार्ड-5 की जनता मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नरकीय जीवन जीने के लिए मजबूर है। लोगों को पीने के पानी की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है तो वहीं ईको ग्रीन द्वारा घर से कूड़ा न उठाने पर कॉलोनी के खाली प्लॉट डम्पिंग जॉन का रूप ले रहे है।

समय पर नाली और सीवर साफ न होने से गंदा पानी सडक़ों पर भरा हुआ है। स्थानीय लोगों में जलभराव और कूड़े से भंयकर बिमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है। उधर लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर जनप्रतिनीधि को कोस रहे हैं।

नारकीय जीवन जी रहे वार्ड -5 के आमजन की बदहाली बयां करती यह तस्वीरें

आप साफ-साफ इन तस्वीरों में देख सकते हैं किस तरह नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहा है। रात के समय या अंधेरे में इन क्षेत्रों से गुजरना किसी बड़ी परेशानी से कम नहीं है। बच्चों, बुजुर्गो या फिर गर्भवती महिलाओं का इस तरह से नष्ट सड़कों से निकलना कितना खतरनाक हो सकता, इसका आप सहज ही अनुमान लगा सकते है।

स्थानीय निवासी का कहना क्षेत्र में कभी वार्ड में समस्याओं के लिए सुध लेने के लिए नहीं आती है। वहीं जब स्थानीय निवासियों द्वारा उनसे समस्याओं को लेकर रूबरू होती है, तो उन्हें केवल नाम मात्र आश्वासन दिया जाता है।

नारकीय जीवन जी रहे वार्ड -5 के आमजन की बदहाली बयां करती यह तस्वीरें

वहीं अभी तक कॉलोनी की सभी सीवर लाईन और नालियां बंद पड़ी है। वार्ड में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। बावजूद उसके सफाई कर्मचारी वार्ड में सफाई के नाम पर प्रत्येक घर से अवैध वसूली करने में कोई कसर नही छोड़ी है।

नारकीय जीवन जी रहे वार्ड -5 के आमजन की बदहाली बयां करती यह तस्वीरें

लोगों का कहना है कि क्षेत्र में स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे है, एक दिन में करीब 50-60 रूपए स्वच्छ पानी के लिए खर्च करना अब आमजन की मजबूरी बन गई है।क्षेत्र में डोर टू डोर वाहन भी नही आता, जिससे लोगों ने खाली पड़े प्लॉटों को ही डम्पिंग जॉन बना लिया है। इन कूडें के अंबार से लोगों का सांस लेना भी मुहाल हो रहा है।