अक्सर आपने ऐसा सीरियल और फिल्मों में ही देखा और सुना होगा, कि एक बैंक खाते के दो मालिक एक पैसा जमा करवाता तो दूसरा निकाल के मौज करता | लेकिन अब यह कहानी फिल्मों तक ही सिमित नहीं रह गयी है | असल कहानी पानीपत तहसील कैंप के पंजाब नेशनल बैंक में 2014 में खुले एक जनधन खाते की है | इसके दो मालिक हैं | दोनों का नाम पुष्पा है, उनके पति का नाम नरेश है और दोनों वधावाराम कॉलोनी की रहने वाली हैं |
इस फिल्म भरी कहानी का विलन कोई और नहीं बल्कि बैंक के कर्मचारी ही हैं | बैंक कर्मियों ने एक ही नंबर से अलग-अलग दपंती के खाते खोल दिए | अब एक दंपती अपने खाते में रकम जमा कराता था और दूसरा दंपती अपने पैसे समझकर निकासी कर रहा था |
तड़पती गर्मी में गरीब लोग अपना खाता पहले खुलवाएं, फिर कर्मचारियों की गलती के कारण लोग मुसीबत में आएं | बैंक कर्मचारी और निगम कर्मचारी एक जैसे होते जा रहे हैं | रकम जमा करा रहा दंपती जब पैसे निकालते आया तो रकम ही नहीं होने पर पूरा मामला खुला | उन्होंने बैंक मैनेजर से इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई | जिसके बाद दंपती ने बैंक और रकम निकालकर ले गए दंपती के खिलाफ शिकायत दी है |
जिस प्रकार निगम के अधिकारीयों को लोगों की फ्रिक नहीं उसी प्रकार बैंक कर्मचारियों को जनता की चिंता नहीं है | बस दोनों ही ऐसी की ठंडी हवा में अपना समय गुजार के मजे करते हैं | पुष्पा पत्नी नरेश के मुताबिक उन्होंने 2014 में तहसील कैंप स्थित पंजाब नेशनल बैंक में अपना खाता खुलवाया था | जिसमें उन्होंने अपनी ननंद सुदेश का नंबर दिया था | फोन चोरी होने की वजह से उनके पास कोई मैसेज नहीं आते थे |
बैंक कर्मचारियों को लगता है कि हर महीने हजारों की सैलरी मिलती है, और ऐसी में की हवा खाने को मिलती है तो गरीबों की चिंता क्यों करें ? गरीब और आम आदमी का जरा सा भी न सोचके ये लोग अमीरों के तलवे चाट ते मिल जाएंगे आपको | पुष्पा ने बैंक में कई बार पैसे डलवाए, लेकिन लॉकडाउन में पैसों की जरूरत पड़ने पर वह बैंक से पैसे निकलवाने गई तो खाता खाली मिला। उन्होंने अकाउंट चेक कराया तो पता चला कि पुष्पा पत्नी नरेश निवासी वधावा राम कालोनी के नाम से एक दूसरा खाता भी खुला हुआ है, जिसका अकाउंट नंबर भी एक ही है |