हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कोरोना से ठीक हुए लोगों से अपील की है कि वे इस महामारी से लडऩे को आमजन को प्रेरित करने के लिए आगे आएं।
इस बात का संदेश दें कि इस बीमारी से डरने की बजाय, सावधानी बरतने की ज्यादा आवश्यकता है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ठीक हुए लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील भी की।
मुख्यमंत्री आज राज्य में कोविड-19 की स्थिति पर गठित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के आपदा प्रबंधन गु्रप की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के सभी नागरिक अस्पतालों में कोरोना टैस्ट की निशुल्क सुविधा उपलब्ध है। वहां भी लोगों को टेस्ट के लिए आना चाहिए।
सैम्पल देने के लिए टोल फ्री नम्बर-108 तथा 1075 पर भी सम्पर्क करने उपरांत मोबाइल वैन से भी सैम्पल एकत्रित किए जा रहे हैं। ठीक हुए लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए एसएमएस भेजे जा रहे हैं। अब तक 338 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट करने की सहमति व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को अलग से पत्र भी भेजे जाएं।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अनलॉक-3 में लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यातायात चौराहों व शहरी स्थानीय निकाय विभाग के वाहनों तथा 900 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग्ज़ लगाकर मास्क व गमछा पहनने तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने की जानकारी दी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत व रेवाड़ी जिलों को छोडकऱ,अन्य जिलों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि ‘आप्रेशन वंदे भारत’ के तहत विदेशों से लौट रहे लोगों को अब सात दिन संस्थागत क्वारंटाइन रखने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-3 की नई हिदायतें जारी की हैं।
अब विदेश से लौटने वाला व्यक्ति अपनी यात्रा से 48 घण्टे पहले का कोरोना नेगेटिव का मेडिकल प्रमाणपत्र देता है तो उसे क्वारंटाइन रखने की आवश्यकता नहीं होगी और उसे 96 घण्टे तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक कोरोना टेस्टिंग लैब खोली जानी चाहिए।
जहां पर ऐंटीजेन टेस्टिंग की बजाय आरटीपीसीआर प्रणाली से टेस्टिंग की सुविधा हो। इस पर चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम ने बताया कि वर्तमान में कोरोना टेस्टिंग लैब्स की संख्या प्रदेश में 16 है जिनमें 11 सरकारी तथा पांच लैब प्राइवेट अस्पतालों में हैं तथा 10 और खोली जा रही हैं। गुरुग्राम व फरीदाबाद की ईएसआई लैब में टेली-आईसीयू बैड्स की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन मरीजों को कोरोना के बाद या पॉजिटिव के बाद ठीक होने उपरांत दोबारा टेस्टिंग के लिए आना होता है तो उनको घर से लाने ले जाने के लिए मुफ्त एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि अंतर-राज्यीय परिवहन सेवाओं के अंतर्गत वर्तमान में हरियाणा परिवहन की राजस्थान व उत्तरप्रदेश में लगभग 150 बसें चलाई जा रही हैं। हरियाणा परिवहन की बसें 30 यात्रियों की संख्या के साथ चलाई जा रही हैं।
यात्रियों की संख्या प्रतिदिन 1.50 लाख से अधिक हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बस में प्रत्येक यात्री मास्क पहने व हाथों को सेनेटाइज करें। किसी भी व्यक्ति को खड़ा होकर यात्रा करने की अनुमति न दी जाए।शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि शहरों में इलैक्ट्रिक शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाई जा रही है और ऐसे 14 शवदाह गृह स्थापित करने के लिए कार्य आबंटित किया गया था।
वर्तमान शमशान घाटों पर ही 11 अतिरिक्त शवदाह गृह बनाए जा चुके हैं।
पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने इस बात की जानकारी दी कि कोरोना महामारी के दौरान पुलिसकर्मियों का कार्य जोखिम भरा रहा है, परन्तु हरियाणा पुलिस के जवानों ने कोरोना योद्घा के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। अन्य राज्यों की तुलना में पुलिसकर्मियों की कोरोना संक्रमण दर हरियाणा में काफी कम रही है। अब तक 587 पुलिसकर्मी पॉजिटिव पाए गए हैं
जो कुल फोर्स का 1.14 प्रतिशत हैं तथा पुलिस की रिकवरी रेट 65 प्रतिशत है। अब तक कोरोना से तीन पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई है।सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक श्री पी.सी.मीणा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस महामारी से डरने के बजाय लडऩे के लिए बरती जाने वाली सावधानी के बारे विभिन्न चैनलों पर वृत्तचित्र चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, जो लोग कोरोना से ठीक हुए हैं।
उनके फोटो भी विज्ञापनों में दिखाए जाते हैं और इस लड़ाई से किस प्रकार से उन्होंने जीत हासिल की, उनके अनुभव भी चैनलों पर दिखाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि अनलॉक-3 के दौरान अधिकांश गतिविधियां पहले जैसी सामान्य स्थिति में आ गई हैं। बाजारों में भीड़ बढ़ी है तथा श्रमिकों व कामगारों का आवागमन बढऩे से कोविड-19 से प्रभावित मरीजों के आंकड़े बढे हैं।
इसलिए सभी विभाग अलग-अलग गु्रप बना कर हर सात दिन बाद मरीजों की समीक्षा करें तथा प्रतिदिन इसकी जानकारी मेडिकल बुलेटिन में अलग से दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कई राज्यों में बाढ़ व भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन की तैयारी पूरी रहनी चाहिए और कई शहरों में पानी भरने की शिकायत आ रही है वहां पर निकासी का कार्य किया जाना चाहिए। जरूरत पडऩे से पहले ही सभी पम्प सैट्स चालू स्थिति में होने चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.एन.राय, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री ए.के.सिंह, मुख्यमंत्री की उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, आयुषमान भारत, हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ए.के.मीणा तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक श्रीमती अमनीत पी.कुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।