जमीन की रजिस्ट्रियों से जुड़े नियमों की खामियां का फायदा उठाकर मलाई खाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों की अब खैर नहीं है। सरकार ऐसे अधिकारियों पर एक अध्यादेश के माध्यम से लगाम कसने जा रही है।
इसके लिए सरकार ऐसा फुल प्रूफ प्लान तैयार कर रही है कि नीयत में खोट रखने वाले अधिकारी चाह कर भी रजिस्ट्री करने में कुछ गड़बड़ नहीं कर पाएंगे। इसका फुल प्रूफ प्लान प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तैयार कर रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्व विभाग के साथ जुड़े टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों में भी संशोधन के माध्यम से फेरबदल किया जा रहा है।
इस फेरबदल के तहत हरियाणा सरकार हरियाणा डवलेपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट 1975 (2017 एक्ट नंबर 11) के सेक्शन 7 ए के लिए अध्यादेश लाने जा रही है, ताकि रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया में अधिकारियों द्वारा की जा रही नियमों की धज्जियां उड़ाने पर रोक लगाई जा सके।
इसी अध्यादेश को लेकर वीरवार को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने कार्यालय में संबंधित राजस्व, शहरी स्थानीय निकाय तथा नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में विस्तार से चर्चा की।
यहां बता दें कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2017 में ‘हरियाणा डवलेपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरियाज एक्ट, 1975 (जो 2017 में एक्ट नंबर 11 के तहत संशोधित किया गया था।) का अधिकारियों ने इस संशोधन का प्रयोग अपने लाभ के लिए उठाना शुरू कर दिया और प्रदेश में राजिस्ट्री में होने वाली अनियमितताओं के मामले पहले से ज्यादा बढ़ गए।
एक्ट में कुछ प्रावधान ऐसे थे जिनका भ्रष्टाचारियों ने नाजायज फायदा उठाया और राज्य सरकार के राजस्व को चूना लगाया। मामला उजागर होने पर संबंधित विभाग ने इसे लेकर एक रिपोर्ट तैयार की। इसमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों की ओर भी शक की सूई घूम गई। प्रदेश में हाल में रजिस्ट्रियों मंड हुई गड़बड़ियों के बाद राजस्व विभाग संभाल रहे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस एक्ट में भी संशोधन करने का सुझाव प्रदेश सरकार के समक्ष रखा। सरकार इस संशोधन के लिए राजी हो गई है और अध्यादेश के माध्यम से एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि अध्यादेश के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि क्योंकि कोविड-19 के कारण विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने में अभी समय लगेगा और वाजिब लोगों के लिए रजिस्ट्री खोलनी भी आवश्यक हैं, इसलिए एक्ट में संशोधन करने के लिए जल्द अध्यादेश लाने की जरूरत है।
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमीनों की रजिस्ट्री करने के मामले में संबंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित करके ऐसा फुल प्रूफ ऑनलाइन सिस्टम तैयार करें जिसमें न तो राजस्व की चोरी हो और न ही किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी होने की गुंजाइश बचे।
जमीन खरीदने व बेचने वाले व्यक्ति को भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिस्टम तैयार करते समय यह भी ध्यान रखें कि सरकारी नियमों के अनुसार सभी दस्तावेज पूरे होने पर रजिस्ट्री होने में देर न लगे।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रजिस्ट्री के समय क्रेता-विक्रेता व गवाह की प्रामाणिकता जांचने का भी पैमाना तय करें ताकि जमीन के मूल मालिक के अलावा अन्य व्यक्ति फ्रॉड करके बेच न पाए। उपमुख्यमंत्री ने आज फिर दोहराया कि नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पारदर्शिता लाने के लिए जो ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया जाएगा उसमें धोखाधड़ी की कतई गुंजाइश नहीं होगी।