अब छोटे व्यापारियों को मिलेगा 10 हजार तक का लोन, किस्त जमा करने के लिए मिलेगी 1 साल की मियाद

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अब इन्हें मिलेगा बिना पहचान पत्र के 10 हजार तक का लोन, किस्त जमा करने के लिए मिलेगी 1 साल की मियाद। सड़क किनारे रेहड़ी पटरी लगाने वाले, ठेला वाले और दुकान लगाने वाले लोगों को लाभ देने के लिए सरकार ने अब एक स्कीम शुरू की है जिसके तहत बिना पहचान पत्र के अब उक्त लोगों को 10 हजार तक का लोन भी मिल सकेगा।

सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री स्वानिधि स्कीम शुरू की है।योजना के तहत ठेले, खोमचे वाले 10 हजार रुपये तक का लोन अपने काम के लिए सकते हैं। सरकार ने इस लोन की किस्त को जमा करने की मियाद भी 12 महीने की रखी है।

लोन प्राप्त करने के लिए ऐसे करें आवेदन
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस सुविधा की शुरूआत की और कहा कि पात्र रेहड़ी-पटरी वाले स्थानीय शहरी निकाय अनुशंसा पत्र के लिए अनुरोध कर सकता है।

मंत्रालय के अनुसार अनुशंसा पत्र यह मॉड्यूल उन ठेले दुकान चलाने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को सुविधा देने के लिए तैयार किया गया है जिनके पास पहचान पत्र (आईडी) और विक्रय प्रमाणपत्र (सीओवी) नहीं है तथा उनका नाम इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए सर्वेक्षण सूची में भी शामिल नहीं हैं।

लॉकडाउन में ठप हुए व्यापार को ऐसे कर सकेंगे शुरू

ऐसा देखा गया था कि लॉकडाउन में रेहड़ी पटरी वालों का जो कार्य है एक दम ठप हो चुका था। ऐसे में उन्हें जरूरत थी कि वह दोबारा अपने कारोबार को स्थापित कर सके, जिसके लिए सरकार ने उन्हें इस स्कीम के तहत सहायता प्रदान की हैं।

यह सुविधा सरकार की तरफ से इसलिए दी गई है, ताकि कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से जो लोग प्रभावित हुए उनको दोबारा से कारोबार शुरू करने में मदद मिल सके। इससे लोगों को बहुत कम ब्याज पर ये लोन मिलेगा।

इन दो तरीकों से लोन के लिए कर सकते हैं अप्लाई

लोग दो तरह से इस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. पहले में पीएम स्वनिधि पोर्टल पर स्थानीय शहरी निकायों से एलओआर प्राप्त करने के लिये ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान कुछ राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों द्वारा दी गई एकमुश्त सहायता का प्रमाणपत्र या विक्रेता संघों का सदस्यता विवरण अथवा कोई अन्य दस्तावेज यह साबित करने के लिए कि वह एक विक्रेता है।

दूसरा तरीका है कि ऐसा व्यक्ति सादे कागज पर साधारण आवेदन के माध्यम से नगर निगम, नगर पालिका या फिर पंचायत के दफ्तर में आवेदन करना होगा।

स्थानीय निकाय को 15 दिनों की अवधि के भीतर एलओआर जारी करने के अनुरोध का निपटान करना होगा। बयान के अनुसार जिन विक्रेताओं के पास एलओआर हैं, उन्हें 30 दिनों की अवधि के भीतर विक्रय प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग) / पहचान पत्र जारी किया जाएगा।

अब तक इतने लोग उठा चुके हैं इस स्कीम का फायदा

इस प्रावधान से योजना का लाभ अधिकतम लाभार्थियों को मिलेगा. इसमें कहा गया है कि 2 जुलाई 2020 को पीएम स्वनिधि पोर्टल पर ऋण आवेदन ऑनलाइन जमा करने की शुरुआत के बाद से, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 4.45 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं

और 82,000 से अधिक स्वीकार किए गए हैं। इस योजना के तहत उन 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जो 24 मार्च, 2020 से पहले शहरी क्षेत्रों में या आसपास के अर्ध-शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में सामान बेचने का का काम करते थे।