कोरोना काल ने सबकुछ बदल के रख दिया है, बात चाहे शिक्षा की हो या प्रतियोगिता सबकुछ ऑनलाइन होने लगा है | अपनी मधुर आवाज से संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले सुरेश वाडेकर की सिंगिंग अकादमी अजिवासन ने ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया था | अजिवासन अकादमी के प्रतियोगिता में देश से लगभग 1500 लोगों ने भाग लिया था |
राष्ट्रीय स्तर पर की गयी इस प्रतियोगिता में 1500 लोगों ने भाग लिया था | प्रतियोगिता में 1500 में से 12 लोगों को चुना गया था और उसके बाद 6 सिंगिंग सम्राटों को चुना गया | जिसमें योगंधा ने पहला स्थान प्राप्त कर इस प्रतियोगिता को अपने नाम किया |
अकादमी द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में 3 केटेगरी रखी गयी थी, जिसमें फोल्क, भजन, और ग़ज़ल का गान करना था | फोल्क श्रेणी में योगंधा ने जीत अपने नाम की |
कोरोना महामारी में और संकट की इस घड़ी मेंअकादमी की यह कोशिश रही कि भारतवर्ष की छुपी हुई प्रतिभाओं को एक मोती की माला में पिरो कर उसकी प्रतिभा को सारे संसार में फैलाया जाए |
सुरो की इस जंग में, मालिनी अवस्थी, अनूप जलोटा और हरिहरन जैसे विख्यात जज थे | अकादमी ने सिंगिग सम्राटों को एक मंच प्रदान किया | प्रतिभोगियो ने ऑनलाइन अपनी आवाज को अपने गीतों के ज़रिये सारे संसार में फैलाया | सिंगिंग वे दवा है जिसको सुन मनुष्य का दर्द और प्यार दोनों झलकता है | सुरों का यह खेल सभी के बस में नहीं |
महामारी कोरोना ने चारो दिशाओं में अपना राग छेड़ा हुआ है | जरुरत है तो ऐसे गायक की जो इसको पस्त कर के अपनी जीत का डंका बजा दे | संगीत का लगाव सभी की जिंदगी में बहुत महत्व रखता है | कोरोना का डर सभी के दिलों में है, लेकिन सतर्कता कहीं दिखाई नहीं दे रही |