सड़क पर अक्सर सभी अंजान होते हैं, लेकिन आपका हेलमेट सिर्फ अपना होता है | हेलमेट व्यक्ति के लिए दवा समान है | दो-पहिया वाहन हेलमेट बनाने वाली स्टड्स एक्सेसरीज लिमिटेड जिले में अपने नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में ऑपरेशन शुरू किया है | कंपनी ने 5.5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस प्लांट में 160 करोड़ रुपये का निवेश किया है |
कोरोना काल में सभी अवसर बनाने में लग चुके हैं, प्रदेश में जापानी कंपनियां और अब जिले के इस मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में शिफ्टर और थंडर सीरीज जैसे हेलमेट का प्रोडक्शन होगा | इसके अलावा कंपनी इस प्लांट में साइकिल हेलमेट का भी प्रोडक्शन करेगी |
हेलमेट मात्र परिचालक के लिए ही नहीं बल्कि उसके परिवार के लिए भी बहुत आवश्यक होता है | कंपनी ने हाल ही में अपने एक अन्य मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में भी परिचालन शुरू किया, जहां एक्सपैंडेड पॉलीस्टीरीन का उत्पादन होता है | आपको बता दें कि ईपीएस में इस्तेमाल किया जाने वाला फोम है, जो सड़क हादसे के दौरान आपके सिर की सुरक्षा करता है |
सड़क दुर्घटना से बचा जा सकता है यदि हम सतर्कता और सावधानी के साथ चलें | ईपीएस हेलमेट का सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा हिस्सा है | स्टड्स ने दूसरे प्लांट में 40 करोड़ रुपये का निवेश किया है |
प्लांट 1.5 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है | कंपनी का दावा है कि नए प्रोडक्शन प्लांट में हर साल 75 लाख मोटरसाइकिल हेलमेट बनाए जाएंगे | वहीं, इस प्लांट में 15 लाख साइकिल हेलमेट की उत्पादन क्षमता होगी | कंपनी के मुताबिक इस प्लांट से 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा |
कंपनी के निवेश से जिले के लोगों को रोजगार मिलेगा| महामारी के इस दौर में यह अच्छा हुआ है | इसी मौके पर स्टड्स एक्सेसरीज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ भूषण खुराना ने कहा, “यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह कदम बाजार में हमारी अग्रिम भूमिका की पुष्टि करते हुए, मेक इन इंडिया के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के लिए एक उदाहरण है |