एसोचैम की पर्यावरण हितैषी मुहिम में शामिल हुआ जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

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हरित एवं पर्यावरण हितैषी पहल के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने पर्यावरणीय स्थिरता के क्षेत्र में परस्पर सहयोग तथा अकादमिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एसोचैम की नेशनल काउंसिल फॉर ग्रीन एंड इको-फ्रेंडली मूवमेंट (जीईएम) के साथ समझौता किया है।

समझौते के तहत विश्वविद्यालय जीईएम के पर्यावरण मैत्री कार्यक्रम में भागीदारी करेगा। एसोचैम-जीईएम द्वारा पर्यावरण अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए स्थिरता प्रमाणन कार्यक्रम चलाये जा रहे है।

एसोचैम की पर्यावरण हितैषी मुहिम में शामिल हुआ जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

डिजिटल प्लेटफार्म पर आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग, पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्षा डॉ. रेणुका गुप्ता, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स सेल की निदेशक डॉ. रश्मि पोपली, और एसोचैम जीईएम की ओर से पंकज धड़कड़ और वरिष्ठ निदेशक नीरज अरोड़ा उपस्थित थे।

इस समझौते से विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान, सिविल इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन, कचरा प्रबंधन तथा सतत विकास से संबंधित अहम रणनीतिक जानकारी प्राप्त होगी। विद्यार्थियों को पर्यावरण स्थिरता के विषयों पर सेमिनार और कार्यशालाओं के अलावा जीईएम द्वारा आयोजित ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने की सुविधा भी प्राप्त होगी।

एसोचैम की पर्यावरण हितैषी मुहिम में शामिल हुआ जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

समझौते के अंतर्गत सहयोगात्मक कार्यक्रमों को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय का पर्यावरण विज्ञान विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एसोचैम की पर्यावरण मैत्री पहल विश्वविद्यालय को ग्रीन और इको-फ्रेंडली डेवलपमेंट में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की योजना फरीदाबाद के गांव भाकरी में दूसरा परिसर स्थापित करने की है जोकि गुरुग्राम-फरीदाबाद अरावली पहाड़ियों के वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।