घर में पड़े खराब एसी को ठीक कराने के बहाने से बैंक से की ऑनलाइन ठगी कर लाखों उड़ाए

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घर में पड़े खराब है इसी को ठीक कराने के लिए टोल फ्री नंबर कॉल करने के बाद बैंक से ऑनलाइन ठगी कर उड़ाए लाखों रुपए। एक तरफ जहां कोरोना वायरस का संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा वहीं दूसरी और ऑनलाइन ठगी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं

उधर पुलिस प्रशासन इस बाबत कोई जवाब देने को तैयार नहीं है। इसी ऑनलाइन ठगी का शिकार अस्पताल में केमिस्ट शॉप चलाने वाले रामपाल उर्फ शेखर भी हुए।

रामपाल उर्फ शेखर ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह कल कलेरा निवासी हैं। अब मुलाना में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में लगा हायर कंपनी का एसी कुछ दिनों से ठीक से काम नहीं चल रहा था

जिसके बाद उन्होंने सोमवार को सुबह 10:30 बजे करीब हर कंपनी के टोल फ्री नंबर 18004123969 पर कॉल की। जहां फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने उन्हें आपको एनीडेस्क एप डाउनलोड कर उसमें 9 रुपए डालने के लिए कहे।

रामपाल ने बताया कि जैसे उन्होंने पिन कोड डाला तो उनके ओबीसी बैंक के खाते से मैसेज आए जिसमें खाते से 97570 रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर हो गए थे। भाई रामपाल ने आगे बताया कि इसमें से 19961 रुपए किसी हेमंत श्रीवास्तव को और बाकी पैसे शांति देवी के खाते में ट्रांसफर हुए थे।

ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए रामपाल ने बताया कि पैसे कटने के तुरंत बाद उनके मोबाइल पर तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन आए जिन्होंने कहा कि तुम्हारे पैसे वापस आ जाएंगे

लेकिन जैसा हम कहते हैं आपको वैसा ही करना पड़ेगा। जिसके तुरंत बाद रामपाल ने अपना फोन काट बैंक को फोन कर अपना खाता बंद कराया और इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी।

पूरी जानकारी मैया के बाद मुलाना पुलिस ने धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी प्रमोद राणा ने बताया कि साइबर सेल की मदद से वीडियो रामपाल के खाते में से ट्रांसफर हुए पैसों की जानकारी हासिल की जा रही है।

जांच अधिकारी ने बताया कि पीड़ित रामपाल के खाते में करीब 7 लाख जमा थे। अगर वह तुरंत अपना खाता ब्लॉक न करवाते तो शातिर ठग उसका सारा पैसे उड़ा सकते थे। उन्होंने पैसे कटने के दो मैसेज आने के तुरंत बाद बैंक में फोन कर अपने खाते को ब्लॉक करवा दिया। उन्होंने जब बैंक में जाकर अपने खाते की जानकारी ली तो पाया कि शातिर ठगों ने 17 ट्रांजक्शन और लगाई हुई थी, जो प्रोसेस में थी।