रेलवे : अपराधों में नए – नए तौर तरीकों के साथ साथ, अपराधी नए – नए शिकार भी ढूंढ रहे हैं। इस बार हैकर्स ने सरकार के सिस्टम को ही हैक कर लिया। मामला अंबाला मंडल के सिग्नल/रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन में जेई के तौर पर कार्यरत नितिन का सिस्टम हैक हो गया। सिस्टम में सरकारी और निजी जानकारी थी। हैकर ने दोबारा डाटा उपलब्ध कराने के लिए 980 अमेरिकी डॉलर की डिमांड कर दी।
जिस प्रकार कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, उसी प्रकार अपराधों की फेहरिस्त भी बढ़ती जा रही है। इस मामले में कार्रवाई और सहायता के लिए नितिन की तरफ से एक लिखित शिकायत डिप्टी सीएसटीई रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन अंबाला को दी गई है।
हैकर्स ने गत दिनों बड़ी – बड़ी हैकिंग को अंजाम दिया है। बात चाहे अमेरिका में दिग्गज लोगों के अकाउंट हैक होने की हो या कोई और। पीड़ित ने बताया कि उसके सिस्टम पर साइबर अटैक हुआ है और किसी ने दोपहर 1 बजे उसका पूरा सिस्टम हैक कर लिया है। इसमें उसका पूरा डाटा था जो उसके लिए काफी महत्वपूर्ण था। जब उसने अपना सिस्टम खोलने की कोशिश की तो हैकर्स ने उसे ई-मेल भेजा और दोबारा सिस्टम अपलोड करने के लिए अमेरिकी डॉलर की मांग की।
साइबर क्राइम की ख़बरों से आज – कल पूरा अख़बार भरा मिल जाएगा। नितिन ने बताया कि पिछले दिनों न्यूज चैनल और पेपर में भी रेलवे को अलर्ट आया था कि उनका सिस्टम हैक हो सकता है। रेलवे ने इस संबंध में बाकायदा प्रतिक्रिया भी दी थी कि उनके इंजीनियर पूरी सुरक्षा बरत रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी उसका सिस्टम हैक हो गया।
यदि आपको कोई पहले ही घटना होने से बता दे तो आप, आपदा से बच सकते हैं। इस बात का भी जिक्र किया है कि 10 अगस्त को 11.20 बजे उसके पास माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की तरफ से संदेश आया था कि कोई हैकर्स उनके सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर रहा है। जमीनी क्षेत्र पर कब्जे के लिए जिस प्रकार लड़ाई लड़ी जाती है, उसी प्रकार डिजिटल दुनिया में एक नेटवर्क तक पहुंच हासिल करने के लिए साइबर हमले किए जाते हैं।