जर्जर : आज तक आपने सुना होगा कि सरकार से और पुलिस से आम जनता परेशान हैं, लेकिन पहचान फरीदाबाद आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा है जहां सरकारी अधिकारी सरकार के कामों से दुखी है। फरीदाबाद के एनआईटी 4 के सरकारी मकान में रहने वाले एक अधिकारी ने बताया कि जिस क्वार्टर में वो और उसका परिवार रह रहा है वे बहुत जर्जर हालत में है।
नाम न लिखने की शर्त पर उन्होंने कहा कि वे “जल शक्ति मंत्रालय” में काम करते हैं और कुछ वर्षों से 4 नंबर में स्थित सरकारी क्वार्टर में रह रहे हैं। क्वार्टर की हालत इतनी जर्जर है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
सरकारी कर्मचारी ही जब सरकार से परेशान हैं तो जनता का तो क्या ही कहें, एक इमारत की नियमानुसार 50 से 60 वर्ष उम्र होती है, लेकिन अधिकारी के मुताबिक जिस क्वार्टर में वे रह रहा है उसकी उम्र तो 5 साल वाली भी नहीं लगती। जनता के लिए काम करने वाले अधिकारी अपना काम सरकार से करवाना चाहते हैं।
फरीदाबाद प्रशसन की बाते करें तो इनको भ्रष्टाचार करने से फुर्सत नहीं रहती। जिले में कई पुरानी इमारतें जर्जर हो चुकी हैं। यह कब हादसे का सबब बन जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। कई जर्जर इमारतों में तो सरकारी कार्यालय चल रहे हैं। यहां अफसर से लेकर कर्मचारियों के अलावा दिन भर काम से आने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है।
हरियाणा सरकार या केंद्र सरकार में कार्यरत अधिकारी यदि चाहे तो इन सब काम कर सकते हैं। लेकिन समस्या यह है कि इन्हें पहले पैसा दो फिर यह कुछ काम करेंगे। उनकी जान पर खतरा मंडरा रहा है यह कोई नहीं सोचेगा ।
बरसात का मौसम आने के बाद इन इमारतों के ढहने का डर भी बढ़ा है। शहर को पहचान देने वाली ऐतिहासिक इमारतें भी खस्ताहाल हो चुकी हैं। जिन पर किसी का कोई ध्यान नहीं है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि कोई इनके प्रति संजीदा नहीं दिखता।