2 महीने बाद फरीदाबाद में पूरा हुआ सुशांत सिंह राजपूत का अधूरा सपना :- सपनों की नगरी मुम्बई में देखा गया सुशांत सिंह राजपूत का सपना आज हजारों किलोमीटर दूर फरीदाबाद में सांसे मुहिम के द्वारा पूरा हो गया, सुशांत सिंह ने अपनी ड्रीम बुक में लिखा था कि वो अपने जीवन में 1000 पौधे लगाकर उनकी देखभाल करना चाहते हैं,
दुर्भाग्यवश ये सपना पूरा नहीं हो पाया, मगर आज साॅसे मुहिम के तहत फरीदाबाद की कई समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर पौधे लगाने वाले सुशांत सिंह के सपने को आज साकार कर दिया, फरीदाबाद बीके चौक के समीप दशहरा मैदान में सैंकडों पौधे लगाकर उनके सपने की शुरूआत की और अब पूरे शहर में करीब 2 हजार पौधे लगाये जायेंगे।
इस दौरान फरीदाबाद के युवाओं ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्मशांति के लिये पहले हवन यज्ञ किया और फिर उन्हें श्रद्वांजली अर्पित की।
सुशांत सिंह राजपूत का अधूरा सपना
इस दौरान साॅसे मुहिम के संस्थापक जसवंत पवार ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत की ड्रीम बुक में कई सपने थे जिसमें से एक सपना वह 1000 पौधे लगाना चाहते थे मगर नहीं लगा पाये इस लिये आज हमने उनके सपनो को पूरा करने का एक प्रयास किया है जिसकी शुरुवात में आज फरीदाबाद बीके चौक के समीप दशहरा मैदान में दिव्यांगत आत्म की शांति के लिए हवन यज्ञ व श्रद्धांजलि अर्पित कर त्रिवेणी(नीम, पीपल, बाढ़) , पंचवटी लगाकर पौधरोपण की शुरुआत की गई।
जिसके अंतर्गत आज 200 पेडों को लगाया गया लगाया गया है और अगले 7 दिनों में उनके 1000 पौधे लगा दिए जाएंगे यही सांसे मुहिम की ओर से उनको सच्ची श्रद्धांजलि है सांसे मुहिम का एक ही लक्ष्य है कि हर व्यक्ति अपने जीवन में एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल वृक्ष बनाएं
पौधारोपण में शामिल समाजसेवी संस्था जज्बा फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं साँसे मुहीम युवा संयोजक हिमांशु भट्ट ने कहा कि बहुत खुशी है कि आज सुशांत सिंह का सपना फरीदाबाद के युवाओं ने पूरा किया है, इसी के साथ साथ हम सभी युवाओ की सरकार व प्रसाशन से ये मांग है कि उनके केस में जल्द कोई न कोई फैंसला आये ताकि देश के युवाओं को जानकारी मिल सके कि आखिर सुशांत के साथ क्या हुआ था।
इसके साथ साथ आज हमें पर्यवारण के प्रति जागरूक होना बहुत जरुरी है क्योंकि सांसे कम हो रही हैं लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिये बहुत कुछ एकत्रित करके जाते हैं मगर सांसों का इंतजाम कोई नहीं करता। जो कि हमें पौधे लगाकर करना चाहिये
इस पर्यावरण हित कार्य में संस्कार फाउंडेशन से परमिता चौधरी, सतत प्रयास से डॉक्टर सीमा भारद्वाज, रेनू चौधरी, पूनम सिनसिनवार, चांदनी आजाद अली, सुषमा यादव, अर्जुन, अमर, चंद्रपाल, दीपक आजाद, सुमित पांचाल, हिमांशु भट्ट, गौरव, हेमंत, राहुल, किशन, शुभम, सपना, काजल, नर्वदा, सेफाली आदि का योगदान रहा।