हरियाणा विद्यालय शिक्षा अधिकारी संगठन आपसे विनम्र निवेदन करता है की केंद्र में व कई अन्य राज्यों में वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य का दर्जा 1 है। जबकि
हरियाणा एक अग्रणी राज्य होते हुए भी यहां के विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वितीय दर्जे में आते हैं, जोकि हमारे प्रदेश की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है। आपसे निवेदन है कि इस कार्य में सरकार के ऊपर कोई आर्थिक भार भी नहीं पड़ेगा। अतः विद्यालय के प्रधानाचार्य के मान-सम्मान की वृद्धि हेतु विद्यालय प्रधानाचार्य को क्लास-1की श्रेणी में करने का कष्ट करें।
मान्यवर, हरियाणा में राज्य पुरस्कार हेतु प्रधानाचार्य के पद पर आवेदन करने के लिए 5 वर्ष की सेवा की शर्त लगी हुई है। जबकि यहां प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में बहुत लंबा समय लग जाता है तथा 5 वर्ष की सेवा अवधि भी नहीं बचती है। अतः हम राज्य पुरूस्कार हेतु प्रधानाचार्य के पद पर कार्य अवधि की शर्त को 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष करने का आपसे निवेदन करते हैं।
मान्यवर, प्रदेश भर में खंड शिक्षा अधिकारी के लगभग सभी पद रिक्त हैं व उन पर कार्यवाहक अधिकारी के रूप में विद्यालयों के प्रधानाचार्य को अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारी का पद बहुत महत्व का होता है, उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी व विद्यालयों के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करना होता है।
अतः विद्यालय के प्रधानाचार्य अपने विद्यालय के साथ पूर्ण न्याय नहीं कर पाते हैं और ना ही पूरे अधिकार से खंड शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य कर पाते हैं। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की वर्ष में न्यूनतम एक बार अन्यथा दो बार जिला शिक्षा अधिकारी, उप जिला शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी व प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर पदोन्नति होनी चाहिए।
इस कार्य में सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार भी नहीं पड़ता है तथा कार्य सुचारू रूप से होता है।
मान्यवर आशा है कि आप हमारी उपरोक्त मांगों पर शीघ्र ही अपेक्षा अनुसार कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद।