तिरंगा फहराने के बाद अपने संबोधन में जानिए क्या कहा पीएम मोदी ने

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भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को 86 मिनट तक संबोधित किया। पीएम ने लाल किले से लगातार सातवीं बार तिरंगा ध्वज फहराने के बाद देशवासियों को संबोधित किया।

पीएम मोदी सातवीं बार ध्वजारोहण करने वाले चौथे प्रधानमंत्री बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत मे क्रांतिकारी महर्षि अरविंद घोष को उनकी जयंती पर उनको याद करते हुए की ।

तिरंगा फहराने के बाद अपने संबोधन में जानिए क्या कहा पीएम मोदी ने

●पीएम को संबोधन के दौरान बच्चों की याद आई, जो हर साल उनके सामने कतार में बैठे होते थे। पीएम ने कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य को कोरोना ने रोका हुआ है।

● कोरोना योद्धाओं ने ‘सेवा परमो धर्म:’ मंत्र को जीत कर दिखाया है, उनको मैं नमन करता हूँ
अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं।

● बाढ़ का प्रकोप, लैंडस्लाइड में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। कोरोना और बाढ़ पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।

● अगले वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगे। एक बहुत बड़ा पर्व हमारे सामने है।

● कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ भारतीयों ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प लिया है। हमें पूरा भरोसा है कि भारत इस सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे अपने देश के सामर्थ्य पर विश्वास है।


● आज ‘आत्मनिर्भर भारत’ शब्द नहीं मंत्र बन गया है। स्किल डेवलपमेंट से भारत आत्मनिर्भर बनेगा। ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना जरूर पूरा होगा। अब देश में एन-95 मास्क बन रहा है, देश में वेंटिलेटर भी बन रहा है।

● कृषि क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बना है। देश ने आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है। आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, हमारी क्षमता, हमारी क्रिएटिविटी, हमारी स्किल्स को बढ़ाना भी है।
● युवाओं का कौशल बढ़ाना है। देश में बने सामान की दुनिया में वाहवाही करानी है।

● आजाद भारत की मानसिकता ‘वोकल फॉर लोकल’ होना चाहिए। देशवासियों को ‘वोकल फॉर लोकल’ बनाने का संकल्प लेना होगा।

● पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का दिया नारा।

● उन्होंने कहा कि कौन सोच सकता था कि कभी देश में गरीबों के जनधन खातों में हजारों-लाखों करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर हो पाएंगे? कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए एपीएमसी एक्ट में इतने बड़े बदलाव हो जाएंगे। देश में लाखों चुनौती हैं तो करोड़ों समाधान भी हैं।


● कोरोना काल में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। भारत में सुधारों के दौर को दुनिया देख रही है। एफडीआई में देश ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।


● पीएम मोदी ने कहा, हमारे यहां कहा गया है- सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति-प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है।


● वन नेशन, वन राशन, वन टैक्स देश की सच्चाई बन गई है।


● आत्मनिर्भर भारत की अहम प्राथमिकता- आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान हैं। किसानों को सभी बंधनों से मुक्त करना होगा। अन्नदाता की आमदनी दोगुनी करनी है। किसान अपनी शर्तों पर अनाज बेच सकते हैं।


● सात करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए, राशनकार्ड हो या न हो, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अन्न की व्यवस्था की गई, बैंक खातों में करीब-करीब 90 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए।

● कुछ वर्ष पहले तक ये सब कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि दिल्ली से पैसा निकलेगा और गरीब के हाथ में सीधे पैसा पहुंच जाएगा।

● इसी लाल किले से पिछले साल मैंने जल-जीवन मिशन का एलान किया था। आज इस मिशन के तहत अब हर रोज एक लाख से ज्यादा घरों को पानी के कनेक्शन देने में सफलता मिल रही है।

● नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा, आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा आधार है। इस ताकत को बनाए रखने के लिए हर स्तर पर, निरंतर काम हो रहा है।

● आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व है। इसी सोच के साथ देश को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है।

● तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को आजादी मिली। सरकारी योजनाओं से महिलाओं को लाभ मिला। अब युद्ध क्षेत्र में महिलाओं की भी तैनाती की जा रही है। हमारा अनुभव कहता है कि भारत में महिलाशक्ति को जब भी अवसर मिले, उन्होंने देश का नाम रोशन किया, देश को मजबूती दी है।

● देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं। कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हजार करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।

● जब कोरोना शुरू हुआ था तब हमारे देश में कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ एक लैब थी। आज देश में 1,400 से ज्यादा लैब हैं।

● आज से ‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ का शुभारंभ किया जा रहा है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के हेल्थ सेक्टर में नई क्रांति लेकर आएगा। हर भारतीय को हेल्थ आईडी दी जाएगी। आईडी में हर बीमारी, हर जांच की जानकारी होगी। इससे अस्पताल में पर्ची बनाने समेत सभी परेशानी खत्म होगी।

● भारत में तीन-तीन कोरोना वैक्सीन पर काम हो रहा है। हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचाने की रूप-रेखा तैयार है।

● यह साल जम्मू कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का साल है। यह साल जम्मू कश्मीर में महिलाओं, दलितों को मिले अधिकारों का साल है। ये जम्मू कश्मीर में शरणार्थियों के गरिमापूर्ण जीवन का भी एक साल है।

● लोकतंत्र की सच्ची ताकत स्थानीय इकाइयों में है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं।

● बीते वर्ष लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर, वहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है।

● जिस प्रकार से सिक्कम ने ऑर्गेनिक स्टेट के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही आने वाले दिनों में लद्दाख, अपनी पहचान एक कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र के तौर पर बनाए, इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है।

● एलओसी से लेकर एलएसी तक, देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसको उसी भाषा में जवाब दिया है। भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।

● हमारे पड़ोसी देशों के साथ, चाहे वो हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, अपने संबंधों को हम सुरक्षा, विकास और विश्वास की साझेदारी के साथ जोड़ रहे हैं।

● आज पड़ोसी सिर्फ वो ही नहीं हैं जिनसे हमारी भौगोलिक सीमाएं मिलती हैं बल्कि वे भी हैं जिनसे हमारे दिल मिलते हैं। जहां रिश्तों में समरसता होती है, मेल जोल रहता है।